अमीनाबाद में सुसज्जित सिनेमाघरों कि जरूरत: *सुसज्जित सिनेमाघरों की जरूरत है अमीनाबाद इलाके में शचीन्द्र नाथ पाण्डेय* लखनऊ, विश्व मे हिंदुस्तान के नक्शे में लखनऊ का नाम चिकनकारी, ऐतिहासिक इमारतों, इमामबाड़ा, भूल भुलैया, बारादरी, रेजिडेंसी इत्यादि स्थानों को जनता देखने आती है तो सुन्दर पिक्चर पैलेस (1934) जो अब जगत सिनेमा के नाम से अमीनाबाद में स्थापित है में फ़िल्म जरूर 25% जनता टाइम्स पास करने को देखती है वहा के एस०एन०पाण्डेय (शचीन्द्र नाथ पाण्डेय) प्रबधक सिनेमा व सलीम बेग (बुकिंग क्लर्क) का मानना है कि जनता को शुस्जित सिनेमा घर यदि इस इलाके में और हो तो सिनेमा की इन्कम राजस्व में और बड़े क्योंकि कुल्फी का स्वाद चखने के लिए पड़ोसी जनपदों से भी भारी संख्या में कद्रदान यहां आते हैं। लोगों में दीवानगी का आलम यह है कि कड़कड़ाती सर्दी और कोहरे में भी लोग कुल्फी खाने चले आते हैं और सिनेमा भी देखते है। कृत्य:नायाब टाइम्स
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यौमे पैदाइश की मुबारकबाद आरिज़: *"यौमे पैदाइश"1,अक्टूबर 2020 के मौके पर आरिज़ अली को तहेदिल से मुबारकबाद* रायबरेली,आज हमारे पौत्र आरिज़ अली पुत्र नौशाद अली के योमे पैदाइश का दिन 1अक्टूबर 2020 है । जिसकी खुशी में उसे तहेदिल से *मुबारकबाद* "हैप्पी बर्थडे" आरिज़ अली । दोस्तो आप सब गुजरीस है के आप उसको अपनी दुवाओ से भी नवाज़े। *हैप्पी बर्थडे* आरिज़ अली....!🎂💐 नायाब अली लखनवी सम्पादक "नायाब टाइम्स" *अस्लामु अलैकुम/शुभप्रभात* हैप्पी गुरुवार
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गुरुनानक देव जयन्ती बधाई: मृत्यु लोक के सभी जीव जंतु पशु पक्षी प्राणियों को स्वस्थ शरीर एवं लम्बी उम्र दे खुदा आज के दिन की *💐🌹*गुरु नानक जयन्ती पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं/लख लख मुबारक।*💐🌹 * हो.. रब से ये दुआ है कि आपके परिवार में खुशियां ही खुशियाँ हो आमीन..! अपने अंदाज में मस्ती से रहा करता हूँ वो साथ हमारे हैं जो कुछ दूर चला करते हैं । हम आज है संजीदा बेग़म साहेबा के साथ.....! *अस्लामु अलैकुम/शुभप्रभात* हैप्पी सोमवार
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मुत्यु लोक का सच:*आचार्य रजनीश* (१) जब मेरी मृत्यु होगी तो आप मेरे रिश्तेदारों से मिलने आएंगे और मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो अभी आ जाओ ना मुझ से मिलने। (२) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरे सारे गुनाह माफ कर देंगे, जिसका मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो आज ही माफ कर दो ना। (३) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरी कद्र करेंगे और मेरे बारे में अच्छी बातें कहेंगे, जिसे मैं नहीं सुन सकूँगा, तो अभी कहे दो ना। (४) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आपको लगेगा कि इस इन्सान के साथ और वक़्त बिताया होता तो अच्छा होता, तो आज ही आओ ना। इसीलिए कहता हूं कि इन्तजार मत करो, इन्तजार करने में कभी कभी बहुत देर हो जाती है। इस लिये मिलते रहो, माफ कर दो, या माफी माँग लो। *मन "ख्वाईशों" मे अटका रहा* *और* *जिन्दगी हमें "जी "कर चली गई.*
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नायाब टाइम्स हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र
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