Upsrtc: Dear Officers and Media Friends good afternoon. 1) Carrying forward the Objective of "Passengers Safety first" in UPSRTC Buses , UPSRTC HQ issued circular for "Breathe Testing" of Drivers of UPSRTC buses and Contractual Buses . UPSRTC HQ is monitoring the work progress and the Quality on daily basis and taking appropriate decisions to make things better for "Comfortable and Safe Journey" for all passengers plying by UPSRTC buses . 2) In the Last 20 Days , the UPSRTC Team conducted total 3905 Breath Tests across all UPSRTC Routes of Uttar Pradesh state. 1027 Drivers of UPSRTC (permanent) and 2878 Contractual Drivers were tested for Breath Tests through "Breath Analyser Machines" by dedicated 80 Teams UPSRTC (20 HQ Teams, 20 Regional Teams and 40 Routes Checking Squads) . 3) Out of total 3905 Tests, 18 were found "Positive for Alcohol" and rest results were Negative for Alcohol. Out of 18 , one permanent Driver and 17 Contractual Drivers were found Positive for Alcohol. Following "Zero Tolerance for Drink & Drive Habit" , the UPSRTC has Dismissed/Removed 17 Contractual Drivers found Positive for Alcohol and have Suspended the One Permanent Driver for testing positive for Alcohol. 4) Regular Sessions of "Road Safety, Safe Driving and Do's and Don'ts" have been conducted at all Bus stations and Regional offices of UPSRTC since last 20 Days and it's proving beneficial in making "Drivers and Conductors Aware" about "Safe Driving Habits" . 5) The UPSRTC HQ is monitoring it on daily basis and is getting the Reports (on Google sheet), photos and Videos from all Bus stations on daily basis. Thank you. Raj Shekhar MD UPSRTC


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मुत्यु लोक का सच:*आचार्य रजनीश* (१) जब मेरी मृत्यु होगी तो आप मेरे रिश्तेदारों से मिलने आएंगे और मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो अभी आ जाओ ना मुझ से मिलने। (२) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरे सारे गुनाह माफ कर देंगे, जिसका मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो आज ही माफ कर दो ना। (३) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरी कद्र करेंगे और मेरे बारे में अच्छी बातें कहेंगे, जिसे मैं नहीं सुन सकूँगा, तो अभी कहे दो ना। (४) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आपको लगेगा कि इस इन्सान के साथ और वक़्त बिताया होता तो अच्छा होता, तो आज ही आओ ना। इसीलिए कहता हूं कि इन्तजार मत करो, इन्तजार करने में कभी कभी बहुत देर हो जाती है। इस लिये मिलते रहो, माफ कर दो, या माफी माँग लो। *मन "ख्वाईशों" मे अटका रहा* *और* *जिन्दगी हमें "जी "कर चली गई.*
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हैप्पी बर्थडे राधा विष्ट जी: *यौमे पैदाइश की पुरखुलूस मुबारकबाद राधा विष्ट साहेबा को जो "कोरोना वाररिर्स" महामारी के माहौल में जनता की सेवा में सदैव हैं* लखनऊ, *यौमे पैदाइश की पुरजोर मुबारकबाद* राधा बिष्ट डॉ० "फार्मेसिस्ट" प्रभारी राजकीय होम्योपैथी चिकित्सालय (सदर) कैनाल भवन परिसर कैण्ट रोड लखनऊ को हमारी रब से दुआ है कि वो सदैव इस जहांन में लम्बी आयु के साथ सपरिवार स्वस्थ रहे। जो कोरोना वाररिर्स महामारी के माहौल में जनता की सेवा में रहा करती हैं और कोविड-19 से बचाव की दवाओ के साथ साथ कुछ क्षेत्रीय जटिल रोगों की भी दवाओं को परेशान जनता को साथ साथ पर्वत सन्देश के मोहन चन्द्र जोशी "सम्पादक" जानकी पुरम लखनऊ (उ०प्र०) निवासी दवाए प्राप्त करते हुए उनके साथ मनोज कुमार हैं । राधा बिष्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि चिकित्सालय में आनेवाले मरीज़ो को सदैव उनकी समस्या का निराकरण कर उन्हें उचित परामर्श एवं अनुभव के आधार पर दवाए उपलब्ध चिकित्सालय में कराती हैं "हैप्पी बर्थडे राधा विष्ट" जी । कृत्य:नायाब टाइम्स
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मौत का कारण लज़ीज़ खाने: *ह्र्दयरोग विशेषज्ञ मिर्तुलोक पे नहो तो मानव का बचना मुश्किल "डॉ०प्रवीण प्रधान"* लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डॉ०श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल हास्पिटल पार्क रोड लखनऊ के गहन चिकित्सा कक्ष में तएनात डॉ०प्रवीण प्रधान "ह्र्दयरोग विशेषज्ञ" मरीजों की सेवा में दिन हो या रात जहां लगें रहते हैं वही उनका मत है कि मिर्तुलोक पे हदृय रोग की बीमारी बहुत अधिक बढ़ती जारही है जिससे मानव की मौत भी अधिक हो जाती है लेकिन आज कल मानव अपने जीवन का न खयाल कर तरह तरह के लज़ीज़ खाने व पकवानों का सेवन इस कदर करता है कि ह्र्दय रोग से ग्रस्त हो कर अपनी आने वाली नाशलो वो बीज बोदेता है यही ह्र्दय रोग का कारण ही है। कृत्य:
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लखनऊ में फिल्मों की शूटिंग: *धमाकेदार,रोमांच से भरपूर फ़िल्म (प्यार में थोड़ा ट्विस्ट) की लखनऊ में हो रही शूटिंग, विख्यात एक्टर अपनी-अपनी कला का कर रहे प्रदर्शन* *लखनऊ* फ़िल्म जगत में लखनऊ(नवाबों का शहर) शूटिंग के मामले में जबरदस्त पहल करता जा रहा है, 07 नवंबर 2019 से 20 नवम्बर 2019 तक लखनऊ में होने बाली फ़िल्म की शूटिंग *(प्यार में थोड़ा ट्विस्ट)* एक दिलचस्प कहानी को प्रोड्यूस कर रहे विवेक फिल्म्स प्रोडक्शन हाउस, प्रोड्यूसर मंजू भारती, क०-प्रोडयूसड वीएसबी पिक्चर प्राइवेट लिमिटेड, क०-प्रोड्यूसर विजय सिंह भदौरिया/अजीता भदौरिया/नूर फातिमा, डायरेक्टड बाय पार्थो घोष, स्वर बप्पी लहरी, स्टारिंग अभिनेता मुकेश भारती, अभिनेत्री रिचा मुखर्जी, राजेश शर्मा,अतुल श्रीवास्तव,गोविंद नामदेव,अल्का अमीन,संतोष शुक्ला,सोमा राठोड़,विख्यात एक्टर सनी चार्ल्स,ओंकार दास मनिकपुरी, अर्पित भदौरिया,राजीव पांडेय, एस०एम०नूर मक़बूल (फाइट मास्टर), गुलसन पांडे,एवं अन्य कलाकारों के द्वारा लगातार लखनऊ के पास इटौंजा सीतापुर रोड में शूटिंग हो रही है। यह फ़िल्म एक प्रेम की कहानी पर आधारित नही है बल्कि एक ऐसे शख्स के ऊपर है जोकि फ़िल्म को बहुत ही रोमांचित करेगा, कलाकारों की मानें तो इस फ़िल्म को देखने बाले दर्शक फ़िल्म के ट्विस्ट से बहुत रोमांचित होंगें। आज दिनाँक 16/11/2019 को नायाब टाइम्स के संपादक नायाब अली लखनबी और संजेश कुमार ने सभी मुख्य कलाकारों से अपने अंदाज में मुलाक़ात की। *कृत्य:नायाब टाइम्स*
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*योगी सरकार 49 सरकारी विभागों को खत्म करने की तैयारी में* *सचिवालयमें राज्य सरकार के विभागों की संख्या 93 से घटकर रह जायेगी 44* लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही सरकारी विभागों की संख्या घटाने का फैसला कर सकती है। विभागों के पुनर्गठन के लिए बनी समिति की सिफारिशों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ संशोधनों के साथ मंजूरी दे दी है। पुनर्गठन के तहत सचिवालय पर राज्य सरकार के विभागों की संख्या 93 से घटाकर 44 करने की सिफारिश है। दरअसल, नीति आयोग ने एक समान कार्यपद्धति वाले विभागों के एकीकरण का सुझाव राज्य सरकार को दिया था, जिस पर सरकार ने कमेटी गठित की थी। अब कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाएगा। सचिवालय स्तर पर राज्य सरकार के विभागों के पुनर्गठन के लिए वरिष्ठ आईएएस संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते शुक्रवार को संस्तुति दे दी थी। समिति की रिपोर्ट का परीक्षण सचिवालय प्रशासन विभाग कर रहा है। परीक्षण के साथ ही इसे कैबिनेट के सामने रखने का प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है। प्रस्ताव तैयार करने से पूर्व वित्त, न्याय, कार्मिक जैसे विभागों की संस्तुति की जानी है। बताया जाता है कि मंत्रिपरिषद की अगली बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। वहीं विभाग के एकीकरण को लेकर आ रही खबरों पर अधिकारियों और कर्मचारियों के सामने नया संकट खड़ा हो गया है। उनके सामने संशय की स्थित बन रही है। *इन विभागों को किया जाएगा एक* एक समान कार्यपद्धति वाले विभागों को मिलाकर एक करने की सिफारिश है। मर्जर के बाद ऐसे विभागों की संख्या 27 रखने की सिफारिश की बातें सामने आ रही हैं। जैसे- लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल और परती भूमि विकास को मिलाकर एक करना। पशुधन, मत्स्य व दुग्ध विकास का विलय। ग्राम्य विकास, समग्र ग्राम्य विकास, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा तथा पंचायती राज का विलय। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग तथा निर्यात प्रोत्साहन, खादी एवं ग्रामोद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग को एक साथ किया जाना। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, निजी पूंजी निवेश, एनआरआई तथा मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग का विलय। आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का एक किया जाना। राज्य संपत्ति, नागरिक उड्डयन और प्रोटोकॉल का विलय। नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन तथा आवास एवं शहरी नियोजन का एकीकरण। व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा तथा सेवायोजन का विलय। पर्यटन, संस्कृति, भाषा और धर्मार्थ कार्य को मिलाकर एक विभाग बढनाने का फैसला सरकार ले सकती है। *इन विभागों से नहीं होगी छेड़छाड़* चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, सिंचाई एवं जल संसाधन, राजस्व, भूतत्व एवं खनिजकर्म, लोक निर्माण, परिवहन, चिकित्सा स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण, वित्त स्टांप एवं पंजीकरण, सूचना, आबकारी, सार्वजनिक उद्यम, निर्वाचन, सचिवालय प्रशासन, संसदीय कार्य को यथावत रखे जाने की बातें सामने आ रही हैं। इस तरह के करीब 17 विभागों को विलय की परिधि से बाहर रखे जाने की जानकारी है। *आयुक्त के तीन पद बढ़ेंगे* समिति ने समान कार्य पद्धति वाले विभागों के विलय की सिफारिश की है। बताया जाता है कि शासन स्तर पर आयुक्त के 6 पद प्रस्तावित किए गए हैं। वर्तमान में आयुक्त के 3 पद ही हैं। सिफारिश लागू होने पर शासन स्तर पर शिक्षा आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त और राज्य संसाधन आयुक्त के 3 पद बढ़ जाएंगे। श्रम और खाद्य एवं रसद विभाग के क्षेत्राधिकार में कटौती की सिफारिश है। *फैसलों में आएगी तेजी* विभागों के पुनर्गठन से शासन स्तर पर होने वाले फैसले तेजी से लिए जा सकेंगे। विभागों की संख्या कम होने पर अपर मुख्य सचिव के अधिकारी विभागों के मुखिया होंगे। जनहित से जुड़े फैसले लेने में सरकार को फाइलों को कई स्तर पर नहीं दौड़ाना पड़ेगा। शासन के कार्यों में पारदर्शिता भी आएगी। इसके साथ ही मंत्रियों के विभागों में भी बदलाव होना तय माना जा रहा है।
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