शपथपत्र मोहम्मद इमरान: *आवश्यक सूचना* मैं मोहम्मद इमरान पुत्र स्व० मोहम्मद रिज़वान निवासी-492/48,तकिया मुन्सी गंज (निकट) पार्क लखनऊ-226020 (उ०प्र०) का रहने वाला हु। मेरा आधार कार्ड न०4396 9095 0781 जन्म तिथि-12/8/1977 एवं पेैन कार्ड न०ADSP 2824 D है जिस पे जन्म तिथि-12/8/1971 लिखी है और नाम इमरान लिख गया जो गलत है, जब के सही नाम मोहम्मद इमरान पुत्र स्व० मोहम्मद रिज़वान होना चाहिये था व पेैन कार्ड में जन्म तिथि-12/08/1977 सही होना है। शपथ करता हूं कि मेरा नाम मोहम्मद इमरान पुत्र स्व० मोहम्मद रिज़वान आधार कार्ड न०4396 9095 0781 जन्म तिथि-12/08/1977 तथा पेैन कार्ड न०ADSP 2824 D में भी जन्म तिथि-12/08/1977 ही मानी जाये और पेैन कार्ड पे लिखी जन्म तिथि-12/08/1971 अमान्य है। शपथ कर्ता दिनाक-17/09/2019 मोहम्मद इमरान पुत्र, स्व० मोहम्मद रिज़वान निवासी-492/48 तकिया मुन्सी गंज (निकट) पार्क लखनऊ,226020 (उ०प्र०) मोबाईल न० 7408117286
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यौमे पैदाइश की मुबारकबाद आरिज़: *"यौमे पैदाइश"1,अक्टूबर 2020 के मौके पर आरिज़ अली को तहेदिल से मुबारकबाद* रायबरेली,आज हमारे पौत्र आरिज़ अली पुत्र नौशाद अली के योमे पैदाइश का दिन 1अक्टूबर 2020 है । जिसकी खुशी में उसे तहेदिल से *मुबारकबाद* "हैप्पी बर्थडे" आरिज़ अली । दोस्तो आप सब गुजरीस है के आप उसको अपनी दुवाओ से भी नवाज़े। *हैप्पी बर्थडे* आरिज़ अली....!🎂💐 नायाब अली लखनवी सम्पादक "नायाब टाइम्स" *अस्लामु अलैकुम/शुभप्रभात* हैप्पी गुरुवार
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गुरुनानक देव जयन्ती बधाई: मृत्यु लोक के सभी जीव जंतु पशु पक्षी प्राणियों को स्वस्थ शरीर एवं लम्बी उम्र दे खुदा आज के दिन की *💐🌹*गुरु नानक जयन्ती पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं/लख लख मुबारक।*💐🌹 * हो.. रब से ये दुआ है कि आपके परिवार में खुशियां ही खुशियाँ हो आमीन..! अपने अंदाज में मस्ती से रहा करता हूँ वो साथ हमारे हैं जो कुछ दूर चला करते हैं । हम आज है संजीदा बेग़म साहेबा के साथ.....! *अस्लामु अलैकुम/शुभप्रभात* हैप्पी सोमवार
• नायाब अली
मुत्यु लोक का सच:*आचार्य रजनीश* (१) जब मेरी मृत्यु होगी तो आप मेरे रिश्तेदारों से मिलने आएंगे और मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो अभी आ जाओ ना मुझ से मिलने। (२) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरे सारे गुनाह माफ कर देंगे, जिसका मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो आज ही माफ कर दो ना। (३) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरी कद्र करेंगे और मेरे बारे में अच्छी बातें कहेंगे, जिसे मैं नहीं सुन सकूँगा, तो अभी कहे दो ना। (४) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आपको लगेगा कि इस इन्सान के साथ और वक़्त बिताया होता तो अच्छा होता, तो आज ही आओ ना। इसीलिए कहता हूं कि इन्तजार मत करो, इन्तजार करने में कभी कभी बहुत देर हो जाती है। इस लिये मिलते रहो, माफ कर दो, या माफी माँग लो। *मन "ख्वाईशों" मे अटका रहा* *और* *जिन्दगी हमें "जी "कर चली गई.*
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नायाब टाइम्स हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र
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