डॉक्टरों 2020 की बधाई दी: उत्तर प्रदेश की राजधानी के वरिष्ठ चिकित्सको ने देश एवं प्रदेश की जनता को नए साल *नववर्ष 2020* की हार्दिक शुभकामनाएं/मुबारकबाद दी है। लखनऊ,"नव वर्ष 2020 हार्दिक शुभकामनाएं" डॉ०आशुतोष कुमार दुबे, डॉ०डी०एस०राठौर,डॉ०प्रवीण प्रधान, डॉ०मनीषा लाल,डॉ०पी०के०सिंघानियां, डॉ०दीपक कुमार, डॉ०सन्तोष यादव,डॉ०अनिल कुमार चौधरी,डॉ०उज़मा,डॉ०अर्पित गुप्ता। डॉ०वी०के०दुब,डॉ०जी०एस०तिवारी,डॉ०ए०के०सिंह,डॉ०एच०के०तिवारी,डॉ०अनिल रत्न त्रिपाठी,डॉ०बी०पी०चौरसिया,डॉ०अल्ताफ हुसैन, डॉ०एस०सी०श्रीवास्तव, डॉ०आर०के०मिश्रा,डॉ०अरूण कुमार सिंह,डॉ०एन०के०श्रीवास्तव,डॉ०राजीव चौधरी,डॉ०जय सिंह,डॉ०यू०पी०सिंह,डॉ०आर०बी०वर्मा,डॉ०मुम्मताज अहमद,डॉ०एन०एन०पान्डेय, डॉ०अनिल कुमार पान्डेय,डॉ०सुनील कुमार तिवारी,डॉ०असगर अली। डॉ०रेनु चौधरी, डॉ०सुनीता सिंह,डॉ०गौरी गौड़,डॉ०बीरबल,डॉ०एम०नासिर, डॉ वी०के०दुबे,डॉ०अनिल रत्न त्रिपाठी,डॉ०आर०के०मिश्रा,डॉ०राजेश वर्मा,डॉ०बेला रानी वर्मा, डॉ०यू०पी०सिंह,डॉ०अनिल कुमार मेहरोत्रा, डॉ०वी०वी०त्रिपाठी,डॉ०एस०के०शंखवार, डॉ०गुफरान, डॉ०मज़हर, डॉ०जया भिवानी,डॉ०अजय पाल । एवं नायाब टाइम्स परिवार ने सभी उपरोक्त चिकित्सको नव वर्ष2 2020 की मुबारकबाद दी है। कृत्य:नायाब टाइम्स


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मुत्यु लोक का सच:*आचार्य रजनीश* (१) जब मेरी मृत्यु होगी तो आप मेरे रिश्तेदारों से मिलने आएंगे और मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो अभी आ जाओ ना मुझ से मिलने। (२) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरे सारे गुनाह माफ कर देंगे, जिसका मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो आज ही माफ कर दो ना। (३) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरी कद्र करेंगे और मेरे बारे में अच्छी बातें कहेंगे, जिसे मैं नहीं सुन सकूँगा, तो अभी कहे दो ना। (४) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आपको लगेगा कि इस इन्सान के साथ और वक़्त बिताया होता तो अच्छा होता, तो आज ही आओ ना। इसीलिए कहता हूं कि इन्तजार मत करो, इन्तजार करने में कभी कभी बहुत देर हो जाती है। इस लिये मिलते रहो, माफ कर दो, या माफी माँग लो। *मन "ख्वाईशों" मे अटका रहा* *और* *जिन्दगी हमें "जी "कर चली गई.*
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गुरुनानक देव जयन्ती बधाई: मृत्यु लोक के सभी जीव जंतु पशु पक्षी प्राणियों को स्वस्थ शरीर एवं लम्बी उम्र दे खुदा आज के दिन की *💐🌹*गुरु नानक जयन्ती पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं/लख लख मुबारक।*💐🌹 * हो.. रब से ये दुआ है कि आपके परिवार में खुशियां ही खुशियाँ हो आमीन..! अपने अंदाज में मस्ती से रहा करता हूँ वो साथ हमारे हैं जो कुछ दूर चला करते हैं । हम आज है संजीदा बेग़म साहेबा के साथ.....! *अस्लामु अलैकुम/शुभप्रभात* हैप्पी सोमवार
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डॉ०सन्तोष यादव: मृत्यु लोक के सभी जीव जंतु पशु पक्षी प्राणियों को स्वस्थ शरीर एवं लम्बी उम्र दे खुदा आज के दिन की *हार्दिक शुभकामनाएं/मुबारक* हो.. रब से ये दुआ है कि आपके परिवार में खुशियां ही खुशियाँ हो आमीन..! अपने अंदाज में मस्ती से रहा करता हूँ वो साथ हमारे हैं जो कुछ दूर चला करते हैं । हम आज है डॉ०सन्तोष यादव साहब के साथ.....! *अस्लामु अलैकुम/शुभप्रभात* हैप्पी शनिवार
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वैभव श्रीवास्तव जिला मजिस्ट्रेट ने कहा: *सरकार द्वारा निर्गत एस0ओ0पी0 दिशा निर्देश गाइडलाइन का पालन करते हुए कार्तिक पूर्णिमा मेले में दीपदान कराये जाने के निर्देश:वैभव* रायबरेली,जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने उप जिलाधिकारी डलमऊ/मेला अधिकारी को निर्देश दिये है कि जनपद में आयोजित होने वाले कार्तिक पूर्णिमा मेला को वर्तमान में कोविड-19 के संक्रमण के प्रार के दृष्टिगत स्थगित किये जाने का निर्णय लिया गया था। शासन के निर्देशानुसार जन सामान्य की आस्था का सम्मान करते हुए इस वर्ष प्रस्तावित कार्तिक पूर्णिमा मेला डलमऊ के अवसर पर कोविड-19 महामारी के प्रसार पर नियंत्रण के सम्बन्ध में भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा निर्गत एस0ओ0पी0/दिशा निर्देश व गाइडलाइन का समुचित अनुपालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करते हुए दीपदान किये जाने के निर्देश दिये गये है। जिलाधिकारी ने एसडीएम डलमऊ को उक्त के क्रम में निर्गत एस0ओ0पी0/दिशा निर्देश व गाइडला.इन का समुचित अनुपालन अनिवार्य रूप से करते हुए नियामानुसार कार्यवाही करें। कृत्य:नायाब टाइम्स
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Mom:कृपया इस तस्वीर को पवित्र नजर से देखें, हवस की नजर से नहीं। इस तस्वीर में एक बहुत ही सुंदर संदेश छिपा है, जिसका वर्णन लेखक ने बड़ी ही खूबसूरती से किया है। कृपया पढिए और अपने विचार जरूर व्यक्त करें। #औरत_एक_माँ तस्वीर कहां की है और किसने ली ??? मुझे नहीं मालूम ! लेकिन इस तस्वीर मे दिखने वाली औरत की दशा बता रही है की वह निश्चित रूप से किसी जंगली जनजाति की ही होगी ! क्योंकि सभ्य होने का ढ़ोंग करने वाला आधुनिक समाज में इतना साहस बिल्कुल भी नहीं है की वह अपनी छाती का दूध किसी अन्य जीव को भी पिला सके ??? सभ्य होने के नाटक और बाजारीकरण ने खुद बच्चों से उनकी माओं का दूध छिन लिया है , वह और किसी जीव को तो दूध बाद में पिलायेगीं ??? अब आधुनिक माँ अपने बच्चो को दूध मात्र इस ड़र से नही पिलाती कही उसका फ़िगर खराब ना हो जाये ??? अब शिशु बाजार मे आ रहे डिब्बा बंद दूध पर पल रहे है और जो प्रकृति ने उसके लिये आहार प्रदान किया था वह बाजारवाद ने उससे दूर कर दिया है ! दूध तो दूध इस आधुनिक सभ्य समाज मे अब बच्चा अपनी माँ की गोद के लिए भी तरसता है ??? बाजारीकरण के इस भागम भाग दौर मे भावनाएं कुंद हो चुकी है जिसमे अक्सर गोद मे अपने बच्चे को आधुनिक माँ इस लिये नही लेती कही उसका मेकअप खराब ना हो जाये ??? प्रकृति ने प्रेम और दया करूणा का भाव पुरूषो के मुकाबले स्त्रीयो मे अधिक भरा है , यही कारण है की संसार भर की मादाएं नर के मुकाबले अपने बच्चो की देखभाल बहुत अच्छी तरह करती है ! स्वंय प्रकृति ने मादाओ को शिशुओ की देखभाल का जिम्मा दे रखा है ! लेकिन सभ्य होने के नकली नाटक ने स्त्रीयो के अन्दर के वात्सल्य को मार दिया है और इसका प्रभाव समाज पर पड़ेगां जिस दिन स्त्रीयो के अन्दर से प्रेम और वात्सल्य खत्म हो जायेगां उस दिन आने वाली पीढ़यो के अन्दर सिर्फ नफरत ही बचेगीं ! हमारे नकली विज्ञान नकली सभ्यता से कही बेहतर है यह प्रकृति को समझने वाले नंग धड़ंग लोग ! #कॉपी 🙏🙏
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