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कोर्ट के खिलाफ योगी: *कृष्णानंद हत्याकांड मामले में CBI कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करेगी योगी सरकार* पूर्व विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी, उसके सांसद भाई अफजाल अंसारी व अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए भले ही बरी कर दिया हो, लेकिन सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में अपील करने का फैसला किया है। यूपी सरकार कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में आरोपियों के बरी होने के खिलाफ अपील करेगी।इससे पहले विधायक कृष्णानंद राय के वकील रहे रामाधार राय ने बताया था कि कई वजह रहीं कि कातिलों का पता नहीं चल पाया और सभी आरोपी बरी हो गए। उनका कहना है कि मुख्य गवाहों के मुकरने और गवाही न देने की वजह से केस कमजोर हुआ। रामाधार राय कहते हैं कि मामले के *अहम गवाह गाजीपुर की जमानिया तहसील के संजीव राय और मुन्ना राय ने गवाही नहीं दी।* इसके अलावा हत्याकांड में जिंदा बचे शशिकांत राय और प्रत्यक्षदर्शी मनोज गौड़ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने भी केस को कमजोर किया।मामले में फैसला सुनाते हुए स्पेशल जज अरुण भारद्वाज ने हत्याकांड को भयानक करार दिया था। उन्होंने फैसले में लिखा कि इस केस की जांच यूपी पुलिस से लेकर सीबीआई को दी गई थी। कृष्णानंद की पत्नी अलका राय की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में केस गाजीपुर से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था, लेकिन दुर्भाग्य से गवाहों के मुकर जाने से यह मामला भी अभियोजन की नाकामी का उदाहरण बन गया। यदि गवाहों को ट्रायल के दौरान विटनेस प्रोटेक्शन स्कीम, 2018 का लाभ मिलता तो नतीजा कुछ और हो सकता था।