सहयोग एवं जागरूकता: *यातायात पुलिस और आदर्श व्यापार मंडल के संयुक्त तत्वाधान में बाजारों को जाम की समस्या से निजात दिलाने,अनुशासित पार्किंग एवं सुव्यवस्थित यातायात के लिए सोमवार को राजधानी के व्यापारियों ने शुरू की अनूठी पहल* लखनऊ,अवध नगरी *"हमारा लखनऊ - हमारी जिम्मेदारी"* जागरूकता अभियान की राजधानी में आदर्श व्यापार मंडल ने की शुरुआत *तेलीबाग बाजार से एसपी यातायात की उपस्थिति में शुरू हुआ पहला कार्यक्रम* व्यापारियों और नागरिकों को "हमारा लखनऊ- हमारी जिम्मेदारी" जागरूकता अभियान के अंतर्गत अनुशासित पार्किंग, सुव्यवस्थित यातायात तथा सड़कों पर दूसरो को पहले निकलने देने की भावना के लिए जागरूक किया गया। * राजधानी की सभी प्रमुख बाजारों में "हमारा लखनऊ -हमारी जिम्मेदारी" जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। *अनुशासित पार्किंग से ही बाजारों को जाम की समस्या से निजात मिलेगी: संजय गुप्ता* सुचारू यातायात, बिना जन सहयोग के संभव नहीं: पूर्णेन्दु सिंह: एसपी यातयात *पुलिस अधीक्षक यातायात ने व्यापारियो को यातायात नियमो का पालन करने और अनुसाशित पार्किंग करने का संकल्प कराया * "हमारा लखनऊ- हमारी जिम्मेदारी " की भावना प्रबल होने से , "मुस्कुराइए हम लखनऊ में हैं" के स्लोगन की सार्थकता होगी । *तेलीबाग बाजार में आदर्श व्यापार मंडल के अध्य्क्ष राजन मिश्र के नेतृत्व में तेलीबाग के पदाधिकारियो ने व्यापारियों और नागरिकों को पर्चे बांट कर जागरूक किया* प्रतिबंधित पॉलीथिन का प्रयोग ना किया जाना, कपडे के थैले के प्रयोग करने हेतु प्रोत्साहित करना भी बनेगा " हमारा लखनऊ -हमारी जिम्मेदारी" जागरूकता अभियान के अगले चरण का हिस्सा * स्वतः अनुशासन ही यातायात समस्या और जाम से मुक्ति पाने का साधन है। *बाजारों में बढ़ रही जाम की समस्या के कारण एक ओर लोगों का निकलना मुश्किल हो रहा है दूसरी और व्यापारियों का व्यापार भी प्रभावित हो रहा है, अनेक ऐसे बाजार राजधानी में है जहां जाम की समस्या के चलते ग्राहकों की बाजार में आमद कम हो गई है और वाहनों को खड़ा करने के चक्कर में आपस में बहस एवं झगड़े नित्य की समस्या हो गयी हैं तथा इस कारण यातायात भी बाधित होता है ,इस समस्या के समाधान के लिए सोमवार को राजधानी के व्यापारियों ने उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल एवं यातायात पुलिस के संयुक्त तत्वाधान में तेलीबाग बाजार से एक सकारात्मक अनूठी शुरुआत की पहल की गयी, तेलीबाग बाजार में सोमवार को आदर्श व्यापार मंडल एवं यातायात पुलिस के संयुक्त तत्वाधान में "हमारा लखनऊ- हमारी जिम्मेदारी" जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई इस जागरूकता अभियान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अपर पुलिस अधीक्षक यातायात पूणेंद्र सिंह और आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्य्क्ष संजय गुप्ता मौजूद रहे और उनकी उपस्थिति में यह कार्यक्रम शुरू हुआ इस जागरूकता अभियान में व्यापारियों और नागरिकों को अनुशासित पार्किंग, दुकानों के आगे समान ना लगाने, दुकान के कर्मचारियों को ग्राहकों के वाहनों को व्यवस्थित तरीके से खड़ा करवाने मे मदद करने हेतु तैनात करने तथा सड़कों पर जाम न लगे इस हेतु दूसरों को पहले निकलने का अवसर देने की भावना रखने हेतु जागरूक एवं प्रेरित किया गया तथा तेलीबाग बाजार में तेलीबाग आदर्श व्यापार मंडल के अध्य्क्ष राजन मिश्रा,महामंत्री सुरेश कुमार बाजपेयी, कोषाध्यक्ष राजेश चावला, उपाद्यक्ष आँचल साहू,सत्य शरण यादव,दलीप नयाल,अर्जुन यादव,संजीव अवस्थी द्वारा अपील के पर्चे बांट कर जागरूक किया गया, "हमारा लखनऊ- हमारी जिम्मेदारी" जागरूकता अभियान के शुभारंभ के अवसर पर पुलिस अधीक्षक यातायात पुडेन्द्र सिंह ने कहा प्रशासन बिना जन सहयोग के किसी भी नियम का विधिवत पालन नहीं करा सकता है जन सहयोग की बहुत बड़ी आवश्यकता है यातायात व्यवस्थित चले यह हम सबकी जिम्मेदारी है हमारे लखनऊ का यातायात जाम मुक्त हो, दुर्घटना रहित हो इसके लिए हम सभी को प्रयास करने होंगे, अपर पुलिस अधीक्षक यातायात द्वारा समारोह में व्यापारियों और नागरिकों को यातायात के नियमों का पालन करने एवं सहयोग करने का संकल्प भी दिलाया गया,इस अवसर पर संगठन के प्रदेश कोषाध्यक्ष मोहम्मद अफजल, नगर इकाई के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह, नगर के वरिष्ठ महामंत्री दीपक लांबा ,महामंत्री विजय कनौजिया, महामंत्री संजय त्रिवेदी ,लखनऊ उपाध्यक्ष एवं कैंट प्रभारी मोहित कपूर, युवा इकाई के अध्यक्ष आशीष गुप्ता, ट्रांस गोमती अध्यक्ष अनिरुद्ध निगम, ट्रांस गोमती चेयरमैन अशोक यादव, ट्रांस गोमती प्रभारी मनीष पांडे ,सालेह नगर बाजार के अध्यक्ष धीरज गुप्ता, एलडीए बाजार के अध्यक्ष अनुराग सिंह, नट खेड़ा रोड के अध्यक्ष अनुराग पड़ेला ,महामंत्री दिलीप सोनी, टेढ़ी पुलिया के अध्यक्ष अरबाव आलम ,रहीमनगर के डीसक्ष मसीह उज्जमा गांधी,सर्वोदयनगर के अद्यक्ष रिज़वान,टू व्हीलर डीलर एसोसिएशन के महामंत्री मोह.आरिफ ,सप्रू मार्ग के प्रभारी मोहद आदिल सहित भारी संख्या में राजधानी के पदाधिकारी गण एवं इस कार्यक्रम में क्षेत्राधिकारी कैंट दुर्गेश कुमार सिंह,प्रभारी निरीक्षक पी जी आई अशोक कुमार सरोज ,यातायात निरिक्षक अभय मिश्र भी मुख्य रूप से मौजूद रहे।


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यौमे पैदाइश की मुबारकबाद आरिज़: *"यौमे पैदाइश"1,अक्टूबर 2020 के मौके पर आरिज़ अली को तहेदिल से मुबारकबाद* रायबरेली,आज हमारे पौत्र आरिज़ अली पुत्र नौशाद अली के योमे पैदाइश का दिन 1अक्टूबर 2020 है । जिसकी खुशी में उसे तहेदिल से *मुबारकबाद* "हैप्पी बर्थडे" आरिज़ अली । दोस्तो आप सब गुजरीस है के आप उसको अपनी दुवाओ से भी नवाज़े। *हैप्पी बर्थडे* आरिज़ अली....!🎂💐 नायाब अली लखनवी सम्पादक "नायाब टाइम्स" *अस्लामु अलैकुम/शुभप्रभात* हैप्पी गुरुवार
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हैप्पी बर्थडे राधा विष्ट जी: *यौमे पैदाइश की पुरखुलूस मुबारकबाद राधा विष्ट साहेबा को जो "कोरोना वाररिर्स" महामारी के माहौल में जनता की सेवा में सदैव हैं* लखनऊ, *यौमे पैदाइश की पुरजोर मुबारकबाद* राधा बिष्ट डॉ० "फार्मेसिस्ट" प्रभारी राजकीय होम्योपैथी चिकित्सालय (सदर) कैनाल भवन परिसर कैण्ट रोड लखनऊ को हमारी रब से दुआ है कि वो सदैव इस जहांन में लम्बी आयु के साथ सपरिवार स्वस्थ रहे। जो कोरोना वाररिर्स महामारी के माहौल में जनता की सेवा में रहा करती हैं और कोविड-19 से बचाव की दवाओ के साथ साथ कुछ क्षेत्रीय जटिल रोगों की भी दवाओं को परेशान जनता को साथ साथ पर्वत सन्देश के मोहन चन्द्र जोशी "सम्पादक" जानकी पुरम लखनऊ (उ०प्र०) निवासी दवाए प्राप्त करते हुए उनके साथ मनोज कुमार हैं । राधा बिष्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि चिकित्सालय में आनेवाले मरीज़ो को सदैव उनकी समस्या का निराकरण कर उन्हें उचित परामर्श एवं अनुभव के आधार पर दवाए उपलब्ध चिकित्सालय में कराती हैं "हैप्पी बर्थडे राधा विष्ट" जी । कृत्य:नायाब टाइम्स
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प०राम प्रसाद बिस्मिल जी हज़रो नमन: *“सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है” : कब और कैसे लिखा राम प्रसाद बिस्मिल ने यह गीत!* राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ का नाम कौन नहीं जानता। बिस्मिल, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे, जिन्हें 30 वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फाँसी दे दी। वे मैनपुरी षडयंत्र व काकोरी-कांड जैसी कई घटनाओं मे शामिल थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे। भारत की आजादी की नींव रखने वाले राम प्रसाद जितने वीर, स्वतंत्रता सेनानी थे उतने ही भावुक कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे। बिस्मिल उनका उर्दू उपनाम था जिसका हिन्दी में अर्थ होता है ‘गहरी चोट खाया हुआ व्यक्ति’। बिस्मिल के अलावा वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे। *राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ की तरह अशफ़ाक उल्ला खाँ भी बहुत अच्छे शायर थे। एक रोज का वाकया है अशफ़ाक, आर्य समाज मन्दिर शाहजहाँपुर में बिस्मिल के पास किसी काम से गये। संयोग से उस समय अशफ़ाक जिगर मुरादाबादी की यह गजल गुनगुना रहे थे* “कौन जाने ये तमन्ना इश्क की मंजिल में है। जो तमन्ना दिल से निकली फिर जो देखा दिल में है।।” बिस्मिल यह शेर सुनकर मुस्करा दिये तो अशफ़ाक ने पूछ ही लिया- “क्यों राम भाई! मैंने मिसरा कुछ गलत कह दिया क्या?” इस पर बिस्मिल ने जबाब दिया- “नहीं मेरे कृष्ण कन्हैया! यह बात नहीं। मैं जिगर साहब की बहुत इज्जत करता हूँ मगर उन्होंने मिर्ज़ा गालिब की पुरानी जमीन पर घिसा पिटा शेर कहकर कौन-सा बड़ा तीर मार लिया। कोई नयी रंगत देते तो मैं भी इरशाद कहता।” अशफ़ाक को बिस्मिल की यह बात जँची नहीं; उन्होंने चुनौती भरे लहजे में कहा- “तो राम भाई! अब आप ही इसमें गिरह लगाइये, मैं मान जाऊँगा आपकी सोच जिगर और मिर्ज़ा गालिब से भी परले दर्जे की है।” *उसी वक्त पंडित राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ ने यह शेर कहा* “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। देखना है जोर कितना बाजु-कातिल में है?” यह सुनते ही अशफ़ाक उछल पड़े और बिस्मिल को गले लगा के बोले- “राम भाई! मान गये; आप तो उस्तादों के भी उस्ताद हैं।” आगे जाकर बिस्मिल की यह गज़ल सभी क्रान्तिकारी जेल से पुलिस की गाड़ी में अदालत जाते हुए, अदालत में मजिस्ट्रेट को चिढ़ाते हुए और अदालत से लौटकर वापस जेल आते हुए एक साथ गाया करते थे। बिस्मिल की शहादत के बाद उनका यह गीत क्रान्तिकारियों के लिए मंत्र बन गया था। न जाने कितने क्रांतिकारी इसे गाते हुए हँसते-हँसते फांसी पर चढ़ गए थे। पढ़िए राम प्रसाद बिस्मिल द्वारा लिखा गया देशभक्ति से ओतप्रोत यह गीत – सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आस्माँ! हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है? एक से करता नहीं क्यों दूसरा कुछ बातचीत, देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है। रहबरे-राहे-मुहब्बत! रह न जाना राह में, लज्जते-सेहरा-नवर्दी दूरि-ए-मंजिल में है। अब न अगले वल्वले हैं और न अरमानों की भीड़, एक मिट जाने की हसरत अब दिले-‘बिस्मिल’ में है । ए शहीद-ए-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार, अब तेरी हिम्मत का चर्चा गैर की महफ़िल में है। खींच कर लायी है सब को कत्ल होने की उम्मीद, आशिकों का आज जमघट कूच-ए-कातिल में है। सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? है लिये हथियार दुश्मन ताक में बैठा उधर, और हम तैयार हैं सीना लिये अपना इधर। खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है, सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। हाथ जिनमें हो जुनूँ , कटते नही तलवार से, सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से, और भड़केगा जो शोला-सा हमारे दिल में है , सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। हम तो निकले ही थे घर से बाँधकर सर पे कफ़न, जाँ हथेली पर लिये लो बढ चले हैं ये कदम। जिन्दगी तो अपनी महमाँ मौत की महफ़िल में है, सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। यूँ खड़ा मकतल में कातिल कह रहा है बार-बार, “क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है?” सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? दिल में तूफ़ानों की टोली और नसों में इन्कलाब, होश दुश्मन के उड़ा देंगे हमें रोको न आज। दूर रह पाये जो हमसे दम कहाँ मंज़िल में है! सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। जिस्म वो क्या जिस्म है जिसमें न हो खूने-जुनूँ, क्या वो तूफाँ से लड़े जो कश्ती-ए-साहिल में है। सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है। पं० राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ उनके इस लोकप्रिय गीत के अलावा ग्यारह वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में बिस्मिल ने कई पुस्तकें भी लिखीं। जिनमें से ग्यारह पुस्तकें ही उनके जीवन काल में प्रकाशित हो सकीं। ब्रिटिश राज में उन सभी पुस्तकों को ज़ब्त कर लिया गया था। पर स्वतंत्र भारत में काफी खोज-बीन के पश्चात् उनकी लिखी हुई प्रामाणिक पुस्तकें इस समय पुस्तकालयों में उपलब्ध हैं। 16 दिसम्बर 1927 को बिस्मिल ने अपनी आत्मकथा का आखिरी अध्याय (अन्तिम समय की बातें) पूर्ण करके जेल से बाहर भिजवा दिया। 18 दिसम्बर 1927 को माता-पिता से अन्तिम मुलाकात की और सोमवार 19 दिसम्बर 1927 को सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर गोरखपुर की जिला जेल में उन्हें फाँसी दे दी गयी। राम प्रसाद बिस्मिल और उनके जैसे लाखो क्रांतिकारियों के बलिदान का देश सद्येव ऋणी रहेगा! जय हिन्द !
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मुत्यु लोक का सच:*आचार्य रजनीश* (१) जब मेरी मृत्यु होगी तो आप मेरे रिश्तेदारों से मिलने आएंगे और मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो अभी आ जाओ ना मुझ से मिलने। (२) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरे सारे गुनाह माफ कर देंगे, जिसका मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो आज ही माफ कर दो ना। (३) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरी कद्र करेंगे और मेरे बारे में अच्छी बातें कहेंगे, जिसे मैं नहीं सुन सकूँगा, तो अभी कहे दो ना। (४) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आपको लगेगा कि इस इन्सान के साथ और वक़्त बिताया होता तो अच्छा होता, तो आज ही आओ ना। इसीलिए कहता हूं कि इन्तजार मत करो, इन्तजार करने में कभी कभी बहुत देर हो जाती है। इस लिये मिलते रहो, माफ कर दो, या माफी माँग लो। *मन "ख्वाईशों" मे अटका रहा* *और* *जिन्दगी हमें "जी "कर चली गई.*
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गुरुनानक देव जयन्ती बधाई: मृत्यु लोक के सभी जीव जंतु पशु पक्षी प्राणियों को स्वस्थ शरीर एवं लम्बी उम्र दे खुदा आज के दिन की *💐🌹*गुरु नानक जयन्ती पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं/लख लख मुबारक।*💐🌹 * हो.. रब से ये दुआ है कि आपके परिवार में खुशियां ही खुशियाँ हो आमीन..! अपने अंदाज में मस्ती से रहा करता हूँ वो साथ हमारे हैं जो कुछ दूर चला करते हैं । हम आज है संजीदा बेग़म साहेबा के साथ.....! *अस्लामु अलैकुम/शुभप्रभात* हैप्पी सोमवार
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