स्व०अखिलेश सिंह का अंतिम संस्कार एवं यादें: *झकझकोर गया राबिनहुड का यू चले जाना* *एक अपराजेय योद्धा का अवसान* "धीरज श्रीवास्तव पत्रकार" रायबरेली। उत्तरप्रदेश की राजनीति में अखिलेश सिंह रॉबिनहुड के नाम से मशहूर थे, वही उनके कई साथी विधायक गांधी जी के नाम से उन्हें पुकारते थे । उनके दोस्त और दुश्मनो की लंबी सूची है, उन पर करीब 45 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। इसके बावजूद जनता का एक बड़ा वर्ग उनमें अपने मसीहा की छवि देखता था, अपने रणनीतिक कौशल से जनपद की राजनीति में वह सदर विधानसभा सीट पर नेहरू परीवार पर भी भारी पड़े। श्रीमती सोनिया गांधी व प्रियंका वाड्रा भी उन्हें चुनाव में घेरने के बाद भी अपने कांग्रेसी उम्मीदवारों की जमानत बचाने में असमर्थ हुई, जनपद में उनके चाहने वालो का बड़ा वर्ग उनके पीछे उनकी निंदा भर्त्सना बर्दास्त नही करता था। लोग उन्हें बेइंतहा प्यार करते थे। चर्चित सैयद मोदी हत्याकांड में भी अखिलेश सिंह का नाम आया बाद में वह न्यायालय से बरी कर दिये गए। उनके निधन से शहर हो या ग्रामीण इलाके हर वर्ग में उदासी, एक अपने के चले जाने का दर्द, आंखों में दिखाई दे रहे आसुओ से महसूस किया गया। अखिलेश सिंह ने अपना राजनीतिक सफर कांग्रेस से प्रारम्भ किया, वह पहला चुनाव उसके सिम्बल पर जीते ठेकेदारी व रंगदारी के विवाद में चर्चित राकेश पांडेय हत्याकांड के आरोप उन पर लगने के बाद उन्हें कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया। उसके बाद लगातार दो चुनावो में अखिलेश सिंह को हराने के लिए कांग्रेस व सोनिया परिवार ने खूब जोर लगाया। सोनिया गांधी और प्रियंका ने घर-घर घूम घूमकर वोट मांगे, लेकिन अखिलेश सिंह की जीत का अंतर भी वह नही घटा सकी। 2007 में विधानसभा चुनाव में रायबरेली की पांच में से चार सीट कांग्रेस ले गई, लेकिन रायबरेली सदर में अखिलेश सिंह की जड़े इतनी मजबूत थी कि वह बड़े अंतर से निर्दलीय चुनाव जीते। 2016 में उन्हें कांग्रेस में वापस लाने के प्रयास हुए लेकिन वह कांग्रेस में नही गए। उनकी बेटी आदिति सिंह प्रियंका के विशेष आग्रह पर शामिल होकर कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़कर अपने पिता की सीट से विधायक बनी, जिसके बाद अखिलेश सिंह की राजनीतिक विरासत बेटी के हाथों में आ गयी। सदर विधायक अखिलेश सिंह का हर गली मोहल्ले में व्यक्तिगत नेटवर्क के साथ जनता से सीधा संपर्क और संवाद था। वह समय समय पर हर तरह से मदद के लिये तैयार रहते थे , जिसके बल पर उन्हें राजनीति में कभी पराजय का सामना नही करना पड़ा। सच में वह राजनीति के अपराजेय योद्धा थे। जिन्हें हराने की हसरत उनके चिरविरोधियो के दिलो में रह गयी, जनपद की राजनीति का अदभुत सितारा अपने शत्रुओं राजनीतिक विरोधियों से अकेले लड़ता और जनता की पीड़ा हरता रहा जबकि कांग्रेस, सपा, भाजपा व बसपा के कद्दावर नेता एक साथ समूह बनाकर उनकी राजनीति को खत्म करने का षड्यंत्र लगातार रचते थे । उन्होंने किसी की परवाह किये बिना अपनी इच्छानुसार जनता की पूंजी के बल पर आयाम पर आयाम स्थापित किये। *नेता जी से प्रेरित थे* लगभग चार दर्जन मुकदमो व माफिया की छवि के बाद भी वह समाज के सभी वर्गों के चहेते थे। उनके जीते जी सब ठीक है, कहने वाली रायबरेली को इस बात का भी गर्व है कि सदर विधायक जी के नाम से चर्चित अखिलेश सिंह के जीवन पर नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का व्यापक प्रभाव था वह सुभाष बाबू के जीवन से जुड़े लेखों पुस्तको का बार बार अध्यन करते थे। साथी विधायको से भी नेता जी के साथ सरदार भगत सिंह व स्वामी विवेकानंद के साहित्य व जीवनियों को पढ़ने के लिये प्रेरित करते थे और कहते थे कि देश के पास गर्व करने लायक तीन अनमोल हीरे है, जिनकी जीवनी प्रेरणादायक है, कुछ वर्ष पूर्व उन्होंने नेता जी के पौत्र को जनपद में विशाल रैली आयोजित कर अतिथि के रूप में सम्मानित किया था और नेता जी की संदिगध मौत के मामले की जांच की मांग की थी। *370 हटाने का किया समर्थन* अपनी मृत्यु से 15 दिन पूर्व अखिलेश सिंह ने कहा था कि उन्होंने बचपन मे सपना देखा था कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया जाए। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत एक है। अनुच्छेद 370 पंडित जवाहरलाल नेहरू की जानबूझकर की गई ऐतिहासिक भूल थी। यह एक गलत फैसला था, महाराजा हरी सिंह ने जम्मू कश्मीर राज्य का भारत में पूर्ण विलय किया था। अनुच्छेद 370 व 35 ए हटने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व ग्रह मंत्री अमित शाह को बधाई देकर कहा था देश को विभाजित करने वाले अनुच्छेद को हटाकर देश को एक कर दिया है। उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा था कि देश पहले है, उसे देशद्रोह की भाषा नहीं बोलनी चाहिए कांग्रेस ने देश को बंटवाया कांग्रेस की भाषा पाकिस्तान की भाषा है। आज पूरे देश में जश्न है, इस जश्न को कांग्रेस किरकिरा करने के पाप से बचे, अपने विचार, अपने कहे और अपने सिद्धांतों पर अडिग रहने वाले योद्धा ने मिल के पत्थर स्थापित किये। अब देखना है उनकी राजनीतिक वारिस उनकी पुत्री आदिति सिंह अपने पिता की स्वर्णिम विरासत को कितना आगे बढाती है। *'विधायक जी' के नाम से मशहूर अखिलेश सिंह का निधन,वो काफी वक्त से थे बीमार* रायबरेली में 'विधायक जी' के नाम से मशहूर अखिलेश सिंह नहीं रहे, लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया है। रायबरेली सदर विधानसभा सीट से उनकी बेटी अदिति सिंह कांग्रेस की विधायक हैं। पिछले लंबे वक्त से अखिलेश बीमार चल रहे थे और यही कारण था कि उन्होंने अपनी बेटी को राजनीति के मैदान में उतारा था। *रायबरेली में हनक* रायबरेली वैसे तो कांग्रेस और सोनिया गांधी के कारण जाना जाता है लेकिन जब बात रायबरेली सदर की हो तो यहां केवल और केवल अखिलेश सिंह का ही सिक्का चलता रहा है। रायबरेली लखनऊ से सटा है और वीआईपी इलाका है। 1951 में फिरोज़ गांधी यहां से चुनाव जीते थे, 1967 में इंदिरा. बीच में थोड़ा उठापटक जरूर हुई लेकिन 2004 से अभी तक सोनिया गांधी यहां से सांसद हैं। सदर विधायका अदिति सिंह से मिल ने जिला मजिस्ट्रेट नेहा शर्मा व सुनील सिंह पुलिस अधीक्षक भी पहुंचे और स्व०अखिलेश सिंह को पुष्प चढ़ाये। *रायबरेली सदर सीट से जनप्रिय लोकप्रिय पूर्व सदर विधायक अखिलेश सिंह जी की अंतिम यात्रा* उनके पेत्रक गांव लालूपुर चौहान से तकिया चौराहा से रतापुर रतापुर से त्रिपुला त्रिपुला से रायपुर होते हुए धुन्नी सिंह नगर जहानाबाद चौकी कहारो का अड्डा कैपरगज घंटाघर चौराहा सुपर मार्केट अस्पताल चौराहा से डिग्री कॉलेज चौराहा सिविल लाइन से मुंशीगंज मुंशीगंज से डलमऊ के लिए अंतिम संस्कार के लिये लेजाया गया।वहाँ पे अपार भीड़ के बीच अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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Upsrtc.: *उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के मुख्य महाप्रबंधक (प्रशासनिक) 'वरिष्ठ पी.सी.एस' श्री विजय नारायण पाण्डेय 31 मई को होंगे रिटायर* लखनऊ। उ.प्र. परिवहन निगम के मुख्य महाप्रबंधक (प्रशासनिक) विजय नारायण पांडेय (वरिष्ठ पी.सी.एस.) ने दिनाँक 20 दिसम्बर 2018 को इस पद का पदभार संभाला था और वो 5 महीना 11 दिन की सेवा करने के बाद 31 मई 2019 को विभाग को अच्छी अनुभवी जानकारियां देते हुए अपने पद से रिटायर हो जाएंगे। उनके परिवहन निगम के कार्य कलाप की सभी अधिकारियों ने सराहना की। श्री पांडेय का मत है कि अधिकारी को विभाग के हित में ही काम करना चाहिए। उन्होंने कहा हमारे बास श्री संजीव सरन वरिष्ठ आई.ए.एस., चेयरमैन, श्री धीरज शाहू वरिष्ठ,आई.ए.एस. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, प्रबंध निदेशक राधे श्याम आई.ए.एस. अपर प्रबंध निदेशक से भी हमको कुछ नई जानकारियां मिली जो एक नसीहत ही है। परिवहन निगम के आशुतोष गौड़ स्टाफ ऑफिसर, पर्सनल असिस्टेंट प्रबंध निदेशक व अनवर अंजार (जनसंपर्क अधिकारी, परिवहन निगम) ने भी अपने अधिकारी श्री वी. एन. पाण्डेय की प्रशंसा करते हुए बताया कि पाण्डेय जी के साथ काम करना एक नायाब अनुभव के बराबर है। अब शायद ही ऐसा अधिकारी हमारे बीच आये। - नायाब अली
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Santa. ! ये मध्यप्रदेश में....खरगौन के पास ही ग्राम भट्टयान के "संत सियाराम" है ....जहाँ नर्मदा नदी भी है वर्तमान में जहाँ बाबा का निवास है वह क्षेत्र डूब में जाने वाला है ...सरकार ने इन्हें मुवावजे के 2 करोड़ 51 लाख दिए थे.... तो इन्होंने सारा पैसा खरगौन के समीप ही ग्राम नांगलवाड़ी में नाग देवता के मंदिर में दान कर दिया ताकि वहा भव्य मंदिर बने और सुविधा मिले।। बहुत ही पहुचे हुये सन्त है । आप लाखो रुपये दान में दो... पर नही लेते केवल 10 रुपये लेते है ...और रजिस्टर में देने वाले का नाम साथ ही नर्मदा परिक्रमा वालो का खाना और रहने की व्यवस्था ...कई सालों से अनवरत करते आ रहे है..! सारा दिन दर्शन करने वालो के लिए चाय बनाई जाती है। 100 वर्ष पूरे कर चुके है।। ऐसे ही सन्तों का सम्मान होना चाहिए.. ❤🙏🏻❤
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मुत्यु लोक का सच:*आचार्य रजनीश* (१) जब मेरी मृत्यु होगी तो आप मेरे रिश्तेदारों से मिलने आएंगे और मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो अभी आ जाओ ना मुझ से मिलने। (२) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरे सारे गुनाह माफ कर देंगे, जिसका मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो आज ही माफ कर दो ना। (३) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरी कद्र करेंगे और मेरे बारे में अच्छी बातें कहेंगे, जिसे मैं नहीं सुन सकूँगा, तो अभी कहे दो ना। (४) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आपको लगेगा कि इस इन्सान के साथ और वक़्त बिताया होता तो अच्छा होता, तो आज ही आओ ना। इसीलिए कहता हूं कि इन्तजार मत करो, इन्तजार करने में कभी कभी बहुत देर हो जाती है। इस लिये मिलते रहो, माफ कर दो, या माफी माँग लो। *मन "ख्वाईशों" मे अटका रहा* *और* *जिन्दगी हमें "जी "कर चली गई.*
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स्पोर्ट्समैन जाफ़र के सम्मान में क्रिकेट मैच: *जाफ़र मेहदी वरिष्ठ केन्द्र प्रभारी कैसरबाग डिपो कल 30 नवम्बर 2020 सोमवार को सेवानिवृत्त हो जाएगे उनके सम्मान में क्रिकेट मैच परिवहन निगम ने आयोजित किया* लखनऊ, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के स्पोर्ट्समैन जाफ़र मेहंदी जो 30 नवम्बर 2020 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे को "मुख्य महाप्रबंधक प्रशासन" सन्तोष कुमार दूबे "वरि०पी०सी०एस०" द्वारा उनके सम्मान में क्रिकेट मैच आयोजित कर उनका सम्मान किया जायेगा , जिसमें एहम किरदार पी०आर०बेलवारिया "मुख्य महाप्रबंधक "संचालन" व पल्लव बोस क्षेत्रीय प्रबन्धक-लखनऊ एवं प्रशांत दीक्षित "प्रभारी स०क्षे०प्रबन्धक" हैं जो * अवध बस स्टेशन कमता लखनऊ* के पद पर तैनात हैं , इस समय *कैसरबाग डिपो* के भी "प्रभारी स०क्षे०प्र०" हैं। कैसरबाग डिपो के वरिष्ठ केन्द्र प्रभारी जाफ़र मेहदी साहब दिनाँक,30 नवम्बर 2020 को कल सेवानिवृत्त हो जायेगे। जाफ़र मेहदी साहब की भर्ती स्पोर्ट्स कोटा के तहत 1987 में परिवहन निगम में हुई थी। जो पछले तीन सालो से दो धारी तलवार के चपेट कि मार झेल रहे थे अब आज़ादी उनके हाथ लगी मेंहदी साहब नायाब ही नहीं तारीफे काबिल हैं उनकी जितनी भी बड़ाई की जाय कम हैl कृत्य:नायाब टाइम्स
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जाफ़र मेहंदी की बल्ले बल्ले: * परिवहन निगम के वरिष्ठ खिलाड़ी जाफर मेंहदी के सम्मान में एक मैत्री मैच का आयोजन किया गया। मैच के मुख्य अतिथि एस के दुबे "मुख्य प्रधान प्रबन्धक प्रशासन"* लखनऊ,आज दिनांक 29 नवम्बर 2020 को कॉल्विन क्रिकेट ग्राउंड पर परिवहन निगम के वरिष्ठ खिलाड़ी जाफर मेंहदी के सम्मान में एक मैत्री मैच का आयोजन किया गया । इस मैच के मुख्य अतिथि एस के दुबे (मुख्य प्रधान प्रबंधक प्रशासन) थे । मुख्य प्रधान प्रबंधक प्राविधिक जयदीप वर्मा एवं प्रधान प्रबंधक संचालक सुनील प्रसाद भी मौजूद रहे । इस मैच में परिवहन निगम मुख्यालय ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए योगेंद्र सेठ की 79 रन की शानदार पारी की बदौलत 20 ओवर में 141 रन बनाए । जवाब में खेलने उतरी कैसरबाग डिपो की टीम ने सुनील मिश्रा के नाबाद 51 व नितेश श्रीवास्तव के 25 रन की बदौलत 19.4 ओवरों में लक्ष्य हासिल कर लिया । मुख्यालय की तरफ से मनोज श्रीवास्तव ने दो व जयदीप वर्मा ने एक विकेट लिया । कैसरबाग की तरफ से रजनीश मिश्रा ने 4 ओवरों में 17 रन देकर एक विकेट , नितेश श्रीवास्तव ने एक विकेट लिया । अंत में प्रधान प्रबंधक प्रशासन ने *जाफर मेहंदी* को सम्मानित किया । *योगेंद्र सेठ* को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया । मुख्यालय की तरफ से टीम का नेतृत्व जयदीप वर्मा व कैसरबाग डिपो की तरफ से टीम का नेतृत्व शशिकांत सिंह ने किया । कृत्य:नायाब टाइम्स
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