दादा साहब फाल्के : *अमिताभ बच्चन को मिलेगा सिनेमा का सबसे बड़ा पुरस्कार* *केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट करके दी जानकारी: फिल्म जगत में खुशी की लहर* वाॅलीबुड के मशहूर अभिनेता, सदी के महानायक एवं पूर्व सांसद अमिताभ बच्चन को सिनेमा क्षेत्र के सबसे बड़े पुरस्कार "दादा साहब फाल्के" के लिए चुना गया है, इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट करके दी है। तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के साथ ही 12 "फिल्म फेयर" पुरस्कार अमिताभ बच्चन को मिल चुके हैं, इसके अलावा भी उन्हे अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में 11 अक्टूबर 1942 को जन्मे अमिताभ बच्चन जब 20 साल के थे तब उन्होने जीविका चलाने के लिए कोलकाता की एक शिपिंग कंपनी में किराया ब्रोकर के पद पर कुछ समय तक नौकरी की थी। 3 जून 1973 को बंगाली रीति-रिवाज के साथ उनकी शादी जया बच्चन से हुई, उनके एक पुत्री श्वेता नंदा एवं पुत्र अभिषेक बच्चन हैं। अमिताभ बच्चन 1984 से 1987 तक इलाहाबाद से कांग्रेस के टिकट पर सांसद भी रहे। अमिताभ बच्चन को 1978 में फिल्म "अमर अकबर एंथोनी", 1979 में "डाॅन", 1992 में "हम", 2006 में "ब्लैक" एवं 2010 में "पा" के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला। 2002 में उन्हे "अक्स" एवं 2006 में "ब्लैक" के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (समालोचक) का पुरस्कार मिला। अमिताभ को 1972 में "आनंद", 1974 में "नमक हराम" एवं 2001 में "मोहब्बतें" फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार मिला। 1991 में अमिताभ बच्चन को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया। अमिताभ 2005 में एचआईवी/एड्रेस और पोलियो उन्मूलन अभियान के लिए यूनिसेफ के राजदूत भी रहे। 1970 के दशक में बड़ी लोकप्रियता हासिल करने वाले अमिताभ बच्चन तबसे लगातार लोगों के दिलों पर छाये हुए हैं। टीवी के चर्चित व मशहूर शो "कौन बनेगा करोड़पति" को होस्ट करने वाले अमिताभ बच्चन को जल्द ही सिनेमा क्षेत्र के सबसे बड़े "दादा साहब फाल्के" पुरस्कार से नवाजा जाएगा, इसकी खबर फैलते ही उनके प्रशंसकों के साथ ही दुनिया भर के फिल्म जगत में खुशी की लहर दौड़ गई है।


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मुत्यु लोक का सच:*आचार्य रजनीश* (१) जब मेरी मृत्यु होगी तो आप मेरे रिश्तेदारों से मिलने आएंगे और मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो अभी आ जाओ ना मुझ से मिलने। (२) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरे सारे गुनाह माफ कर देंगे, जिसका मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो आज ही माफ कर दो ना। (३) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरी कद्र करेंगे और मेरे बारे में अच्छी बातें कहेंगे, जिसे मैं नहीं सुन सकूँगा, तो अभी कहे दो ना। (४) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आपको लगेगा कि इस इन्सान के साथ और वक़्त बिताया होता तो अच्छा होता, तो आज ही आओ ना। इसीलिए कहता हूं कि इन्तजार मत करो, इन्तजार करने में कभी कभी बहुत देर हो जाती है। इस लिये मिलते रहो, माफ कर दो, या माफी माँग लो। *मन "ख्वाईशों" मे अटका रहा* *और* *जिन्दगी हमें "जी "कर चली गई.*
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गुरुनानक देव जयन्ती बधाई: मृत्यु लोक के सभी जीव जंतु पशु पक्षी प्राणियों को स्वस्थ शरीर एवं लम्बी उम्र दे खुदा आज के दिन की *💐🌹*गुरु नानक जयन्ती पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं/लख लख मुबारक।*💐🌹 * हो.. रब से ये दुआ है कि आपके परिवार में खुशियां ही खुशियाँ हो आमीन..! अपने अंदाज में मस्ती से रहा करता हूँ वो साथ हमारे हैं जो कुछ दूर चला करते हैं । हम आज है संजीदा बेग़म साहेबा के साथ.....! *अस्लामु अलैकुम/शुभप्रभात* हैप्पी सोमवार
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वैभव श्रीवास्तव जिला मजिस्ट्रेट ने कहा: *सरकार द्वारा निर्गत एस0ओ0पी0 दिशा निर्देश गाइडलाइन का पालन करते हुए कार्तिक पूर्णिमा मेले में दीपदान कराये जाने के निर्देश:वैभव* रायबरेली,जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने उप जिलाधिकारी डलमऊ/मेला अधिकारी को निर्देश दिये है कि जनपद में आयोजित होने वाले कार्तिक पूर्णिमा मेला को वर्तमान में कोविड-19 के संक्रमण के प्रार के दृष्टिगत स्थगित किये जाने का निर्णय लिया गया था। शासन के निर्देशानुसार जन सामान्य की आस्था का सम्मान करते हुए इस वर्ष प्रस्तावित कार्तिक पूर्णिमा मेला डलमऊ के अवसर पर कोविड-19 महामारी के प्रसार पर नियंत्रण के सम्बन्ध में भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा निर्गत एस0ओ0पी0/दिशा निर्देश व गाइडलाइन का समुचित अनुपालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करते हुए दीपदान किये जाने के निर्देश दिये गये है। जिलाधिकारी ने एसडीएम डलमऊ को उक्त के क्रम में निर्गत एस0ओ0पी0/दिशा निर्देश व गाइडला.इन का समुचित अनुपालन अनिवार्य रूप से करते हुए नियामानुसार कार्यवाही करें। कृत्य:नायाब टाइम्स
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Mom:कृपया इस तस्वीर को पवित्र नजर से देखें, हवस की नजर से नहीं। इस तस्वीर में एक बहुत ही सुंदर संदेश छिपा है, जिसका वर्णन लेखक ने बड़ी ही खूबसूरती से किया है। कृपया पढिए और अपने विचार जरूर व्यक्त करें। #औरत_एक_माँ तस्वीर कहां की है और किसने ली ??? मुझे नहीं मालूम ! लेकिन इस तस्वीर मे दिखने वाली औरत की दशा बता रही है की वह निश्चित रूप से किसी जंगली जनजाति की ही होगी ! क्योंकि सभ्य होने का ढ़ोंग करने वाला आधुनिक समाज में इतना साहस बिल्कुल भी नहीं है की वह अपनी छाती का दूध किसी अन्य जीव को भी पिला सके ??? सभ्य होने के नाटक और बाजारीकरण ने खुद बच्चों से उनकी माओं का दूध छिन लिया है , वह और किसी जीव को तो दूध बाद में पिलायेगीं ??? अब आधुनिक माँ अपने बच्चो को दूध मात्र इस ड़र से नही पिलाती कही उसका फ़िगर खराब ना हो जाये ??? अब शिशु बाजार मे आ रहे डिब्बा बंद दूध पर पल रहे है और जो प्रकृति ने उसके लिये आहार प्रदान किया था वह बाजारवाद ने उससे दूर कर दिया है ! दूध तो दूध इस आधुनिक सभ्य समाज मे अब बच्चा अपनी माँ की गोद के लिए भी तरसता है ??? बाजारीकरण के इस भागम भाग दौर मे भावनाएं कुंद हो चुकी है जिसमे अक्सर गोद मे अपने बच्चे को आधुनिक माँ इस लिये नही लेती कही उसका मेकअप खराब ना हो जाये ??? प्रकृति ने प्रेम और दया करूणा का भाव पुरूषो के मुकाबले स्त्रीयो मे अधिक भरा है , यही कारण है की संसार भर की मादाएं नर के मुकाबले अपने बच्चो की देखभाल बहुत अच्छी तरह करती है ! स्वंय प्रकृति ने मादाओ को शिशुओ की देखभाल का जिम्मा दे रखा है ! लेकिन सभ्य होने के नकली नाटक ने स्त्रीयो के अन्दर के वात्सल्य को मार दिया है और इसका प्रभाव समाज पर पड़ेगां जिस दिन स्त्रीयो के अन्दर से प्रेम और वात्सल्य खत्म हो जायेगां उस दिन आने वाली पीढ़यो के अन्दर सिर्फ नफरत ही बचेगीं ! हमारे नकली विज्ञान नकली सभ्यता से कही बेहतर है यह प्रकृति को समझने वाले नंग धड़ंग लोग ! #कॉपी 🙏🙏
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