दशरथ मांझी इक नाम:*भारत रत्न के असली हक़दार विहार के दशरथ मांझी हुए वंचित* विहार के गहलौर गांव के निवासी दशरथ मांझी बहुत ही गरीब परिवार से थे, दिन रात मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। गांव में आमदनी के स्रोत कम होने के कारण दशरथ मांझी यौवनावस्था में धनवाद में स्थित एक कोल फैक्ट्री में काम करने चले गए थे, धनवाद से वापस आने के बाद दशरथ मांझी के माता-पिता ने फागुनी देवी से विवाह करवा दिया, विवाह के उपरांत मांझी परिवार की जिम्मेदारी की बजह से धनवाद बापस जाकर फैक्ट्री में काम नही कर सका और अपने गाँव मे ही परिवार के साथ खेती किसानी करने लगे। एक दिन खेत मे काम करते समय फागुनी देवी के सर में चोट लग गयी जिसमें से काफी खून का बहाव हो रहा था,गहलौर से गया जाने के लिए घूम के जा रहे रास्ते की दूरी 55 किमी० थी जबकि गहलौर से सीधे रास्ते पर 110 मी० और 9 मी० चौड़े पहाड़ की बजह से रास्ता बंद था जिसकी दूरी मात्र 15 किमी० दूर थी, मजबूरी में गहलौर गाँव के निवासी 55 किमी० का लंबा रास्ता गया जाने के लिए करते थे। इसी बजह से मांझी भी अपनी पत्नी फागुनी देवी को 55 किमी० लंबे रास्ते से लेकर शहर गये थे, अस्पताल पहुचते पहुचते फागुनी देवी के सर से काफी खून बह जाने से उनकी म्रत्यु हो गयी। बेचारा मांझी बेसुध हो गया और बापस गांव आकर अपनी पत्नी का दाह संस्कार किया,उसके बाद मांझी ने उस विशाल पहाड़ को हटवाने के लिए शहर में बड़े बड़े नेताओ को अवगत कराया लेकिन किसी ने कुछ नही सुना,अंत मे मांझी ने छेनी और हथौड़ी से विशाल पहाड़ को हटाने का प्रण किया और घर से निकलकर अपना डेरा उसी पहाड़ पे पास बना लिया, 22 वर्ष के लगातार मेहनत के दौरान पूरा पहाड़ मांझी ने हटाकर रास्ता बना दिया इस वीच गाँव बालों ने तरह-तरह से मांझी का उपहास किया परंतु मेहनत की मिशाल कायम कर मांझी ने इतिहास रच दिया था, अब गाँव के सभी लोग शहर मात्र 15 किमी० का रास्ता तय करके पहुचने लगे थे, जब इसके बारे में सरकार को पता लगा तब विहार सरकार ने 2006 में दशरथ मांझी को पदम श्री से सम्मान किया परंतु भारत रत्न के हकदार मांझी भारत रत्न से बंचित रह गए, मांझी के गाल ब्लैडर में कैंसर होने की बजह से 2007 में मांझी ने अपने प्राण त्याग दिए। *कृत्य: नायाब टाइम्स*


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मुत्यु लोक का सच:*आचार्य रजनीश* (१) जब मेरी मृत्यु होगी तो आप मेरे रिश्तेदारों से मिलने आएंगे और मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो अभी आ जाओ ना मुझ से मिलने। (२) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरे सारे गुनाह माफ कर देंगे, जिसका मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो आज ही माफ कर दो ना। (३) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरी कद्र करेंगे और मेरे बारे में अच्छी बातें कहेंगे, जिसे मैं नहीं सुन सकूँगा, तो अभी कहे दो ना। (४) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आपको लगेगा कि इस इन्सान के साथ और वक़्त बिताया होता तो अच्छा होता, तो आज ही आओ ना। इसीलिए कहता हूं कि इन्तजार मत करो, इन्तजार करने में कभी कभी बहुत देर हो जाती है। इस लिये मिलते रहो, माफ कर दो, या माफी माँग लो। *मन "ख्वाईशों" मे अटका रहा* *और* *जिन्दगी हमें "जी "कर चली गई.*
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हैप्पी बर्थडे राधा विष्ट जी: *यौमे पैदाइश की पुरखुलूस मुबारकबाद राधा विष्ट साहेबा को जो "कोरोना वाररिर्स" महामारी के माहौल में जनता की सेवा में सदैव हैं* लखनऊ, *यौमे पैदाइश की पुरजोर मुबारकबाद* राधा बिष्ट डॉ० "फार्मेसिस्ट" प्रभारी राजकीय होम्योपैथी चिकित्सालय (सदर) कैनाल भवन परिसर कैण्ट रोड लखनऊ को हमारी रब से दुआ है कि वो सदैव इस जहांन में लम्बी आयु के साथ सपरिवार स्वस्थ रहे। जो कोरोना वाररिर्स महामारी के माहौल में जनता की सेवा में रहा करती हैं और कोविड-19 से बचाव की दवाओ के साथ साथ कुछ क्षेत्रीय जटिल रोगों की भी दवाओं को परेशान जनता को साथ साथ पर्वत सन्देश के मोहन चन्द्र जोशी "सम्पादक" जानकी पुरम लखनऊ (उ०प्र०) निवासी दवाए प्राप्त करते हुए उनके साथ मनोज कुमार हैं । राधा बिष्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि चिकित्सालय में आनेवाले मरीज़ो को सदैव उनकी समस्या का निराकरण कर उन्हें उचित परामर्श एवं अनुभव के आधार पर दवाए उपलब्ध चिकित्सालय में कराती हैं "हैप्पी बर्थडे राधा विष्ट" जी । कृत्य:नायाब टाइम्स
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डागामर वाहनों को : *जॉइंट चेकिंग ने सीट क्षमता से अधिक यात्री ढो रही डग्गामार वाहन को पकड़कर की कार्यवाही,मचा हड़कंप* लखनऊ, शासन प्रशासन द्वारा सभी प्रकार के वाहनों में सीट क्षमता से अधिक यात्रियों को कोरोना काल मे मना किया है,इसके बाबजूद भी डग्गामार वाहन दिल खोलकर क्षमता से अधिक यात्री भरकर रोड पर फर्राटा भर रही है।आज दिनांक 20 अगस्त को एआरटीओ सिद्धार्थ यादव,पीटीओ आशुतोष उपाध्याय और एआरएम चारबाग अमरनाथ सहाय ने लखनऊ पीजीआई थाना के सामने डग्गामार वाहनों की छापेमारी करते हुए प्राइवेट बस नम्बर यू०पी०51-ए०टी० 2232 जो बिहार से दिल्ली जा रही 42 सीटर डग्गामार बस जिसमें 107 यात्री सवार थे को पकड़कर सीज कर दिया। और यात्रियों को चारबाग डिपो की बसों में ट्रांसफर कर आलमबाग बस स्टेशन पर भेज दिया। इस बस के पकड़े जाने के बाद डग्गामार वाहनों के संचालकों में हाहाकार मच गया। कृत्य:नायाब टाइम्स *अस्लामु अलैकुम/शुभरात्रि*
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