शादी ए आबादी सम्पन्न: *डॉ०सबा सँग डॉ०ज़ीशान की शादी रश्म निक़ाह के साथ हुआ* लखनऊ,शहर के जाने माने इफ्तिखार अहमद सिद्दीकी व श्रीमती, रज़िया खातून निवासी सम्मान गार्डन, केम्पबेल रोड बालागंज लखनऊ की पुत्री डॉ०सबा की शादी रश्म निक़ाह एवं पुत्र इश्तियाक अहमद सिद्दीकी के "शादी ए खाना आबादी" का दावतें वलीमा दिनांक-2,नवम्बर,2019 को "अल कबीर लॉन" हरदोई मार्ग लखनऊ में रात 8 बजे धूमधाम से किया गया। जिसमें परिवारजनों के साथ साथ इष्ट मित्रों व सम्मभ्रांत लोगों ने शिरकत कर 9,बजे रात बारात के आने पर उसकी अगवानी भी किया। हमारी बेटी डॉ०सबा सिद्दीकी का रश्म निक़ाह डॉ०मोहम्मद ज़ीशान सिद्दीकी पुत्र श्रीमती, रानी व डॉ०एहतिशाम अली सिद्दीकी के साथ 9,बजे रात्रि में किया गया और आए हुये मेहमानों का स्वागत अमज़द अली सिद्दीकी, फैयाज़ अहमद सिद्दीकी ने पुरज़ोर के साथ कर शादी ए खाना आबादी की दावते वलीमा दूल्हे मियां इश्तियाकअहमद सिद्दीकी दुल्हन इब्रा खान पुत्री श्रीमती,अतिया बानो श्री, इक़बाल अहमद खान का लज़ीज़ खानों के साथ दस्तरख्वान शुरू हुआ मेज़बानो ने भरपूर लज़ीज़ खाने खाये एवं दुल्हनों/दूल्हों को ताज़िन्दगी खुशियों के साथ ज़िन्दगी बिताने की दुआएं दी। रुखसती कार्यक्रम से पहले आये हुव्ये मेहमानों का सुक्रिया श्रीमती, रज़िया खातून श्री इफ्तेखार अहमद सिद्दीकी ने तहेदिल से करतये हुए बिदा किया। कृत्य:नायाब टाइम्स


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मुत्यु लोक का सच:*आचार्य रजनीश* (१) जब मेरी मृत्यु होगी तो आप मेरे रिश्तेदारों से मिलने आएंगे और मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो अभी आ जाओ ना मुझ से मिलने। (२) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरे सारे गुनाह माफ कर देंगे, जिसका मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो आज ही माफ कर दो ना। (३) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरी कद्र करेंगे और मेरे बारे में अच्छी बातें कहेंगे, जिसे मैं नहीं सुन सकूँगा, तो अभी कहे दो ना। (४) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आपको लगेगा कि इस इन्सान के साथ और वक़्त बिताया होता तो अच्छा होता, तो आज ही आओ ना। इसीलिए कहता हूं कि इन्तजार मत करो, इन्तजार करने में कभी कभी बहुत देर हो जाती है। इस लिये मिलते रहो, माफ कर दो, या माफी माँग लो। *मन "ख्वाईशों" मे अटका रहा* *और* *जिन्दगी हमें "जी "कर चली गई.*
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गुरुनानक देव जयन्ती बधाई: मृत्यु लोक के सभी जीव जंतु पशु पक्षी प्राणियों को स्वस्थ शरीर एवं लम्बी उम्र दे खुदा आज के दिन की *💐🌹*गुरु नानक जयन्ती पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं/लख लख मुबारक।*💐🌹 * हो.. रब से ये दुआ है कि आपके परिवार में खुशियां ही खुशियाँ हो आमीन..! अपने अंदाज में मस्ती से रहा करता हूँ वो साथ हमारे हैं जो कुछ दूर चला करते हैं । हम आज है संजीदा बेग़म साहेबा के साथ.....! *अस्लामु अलैकुम/शुभप्रभात* हैप्पी सोमवार
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डॉ०सन्तोष यादव: मृत्यु लोक के सभी जीव जंतु पशु पक्षी प्राणियों को स्वस्थ शरीर एवं लम्बी उम्र दे खुदा आज के दिन की *हार्दिक शुभकामनाएं/मुबारक* हो.. रब से ये दुआ है कि आपके परिवार में खुशियां ही खुशियाँ हो आमीन..! अपने अंदाज में मस्ती से रहा करता हूँ वो साथ हमारे हैं जो कुछ दूर चला करते हैं । हम आज है डॉ०सन्तोष यादव साहब के साथ.....! *अस्लामु अलैकुम/शुभप्रभात* हैप्पी शनिवार
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वैभव श्रीवास्तव जिला मजिस्ट्रेट ने कहा: *सरकार द्वारा निर्गत एस0ओ0पी0 दिशा निर्देश गाइडलाइन का पालन करते हुए कार्तिक पूर्णिमा मेले में दीपदान कराये जाने के निर्देश:वैभव* रायबरेली,जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने उप जिलाधिकारी डलमऊ/मेला अधिकारी को निर्देश दिये है कि जनपद में आयोजित होने वाले कार्तिक पूर्णिमा मेला को वर्तमान में कोविड-19 के संक्रमण के प्रार के दृष्टिगत स्थगित किये जाने का निर्णय लिया गया था। शासन के निर्देशानुसार जन सामान्य की आस्था का सम्मान करते हुए इस वर्ष प्रस्तावित कार्तिक पूर्णिमा मेला डलमऊ के अवसर पर कोविड-19 महामारी के प्रसार पर नियंत्रण के सम्बन्ध में भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा निर्गत एस0ओ0पी0/दिशा निर्देश व गाइडलाइन का समुचित अनुपालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करते हुए दीपदान किये जाने के निर्देश दिये गये है। जिलाधिकारी ने एसडीएम डलमऊ को उक्त के क्रम में निर्गत एस0ओ0पी0/दिशा निर्देश व गाइडला.इन का समुचित अनुपालन अनिवार्य रूप से करते हुए नियामानुसार कार्यवाही करें। कृत्य:नायाब टाइम्स
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Mom:कृपया इस तस्वीर को पवित्र नजर से देखें, हवस की नजर से नहीं। इस तस्वीर में एक बहुत ही सुंदर संदेश छिपा है, जिसका वर्णन लेखक ने बड़ी ही खूबसूरती से किया है। कृपया पढिए और अपने विचार जरूर व्यक्त करें। #औरत_एक_माँ तस्वीर कहां की है और किसने ली ??? मुझे नहीं मालूम ! लेकिन इस तस्वीर मे दिखने वाली औरत की दशा बता रही है की वह निश्चित रूप से किसी जंगली जनजाति की ही होगी ! क्योंकि सभ्य होने का ढ़ोंग करने वाला आधुनिक समाज में इतना साहस बिल्कुल भी नहीं है की वह अपनी छाती का दूध किसी अन्य जीव को भी पिला सके ??? सभ्य होने के नाटक और बाजारीकरण ने खुद बच्चों से उनकी माओं का दूध छिन लिया है , वह और किसी जीव को तो दूध बाद में पिलायेगीं ??? अब आधुनिक माँ अपने बच्चो को दूध मात्र इस ड़र से नही पिलाती कही उसका फ़िगर खराब ना हो जाये ??? अब शिशु बाजार मे आ रहे डिब्बा बंद दूध पर पल रहे है और जो प्रकृति ने उसके लिये आहार प्रदान किया था वह बाजारवाद ने उससे दूर कर दिया है ! दूध तो दूध इस आधुनिक सभ्य समाज मे अब बच्चा अपनी माँ की गोद के लिए भी तरसता है ??? बाजारीकरण के इस भागम भाग दौर मे भावनाएं कुंद हो चुकी है जिसमे अक्सर गोद मे अपने बच्चे को आधुनिक माँ इस लिये नही लेती कही उसका मेकअप खराब ना हो जाये ??? प्रकृति ने प्रेम और दया करूणा का भाव पुरूषो के मुकाबले स्त्रीयो मे अधिक भरा है , यही कारण है की संसार भर की मादाएं नर के मुकाबले अपने बच्चो की देखभाल बहुत अच्छी तरह करती है ! स्वंय प्रकृति ने मादाओ को शिशुओ की देखभाल का जिम्मा दे रखा है ! लेकिन सभ्य होने के नकली नाटक ने स्त्रीयो के अन्दर के वात्सल्य को मार दिया है और इसका प्रभाव समाज पर पड़ेगां जिस दिन स्त्रीयो के अन्दर से प्रेम और वात्सल्य खत्म हो जायेगां उस दिन आने वाली पीढ़यो के अन्दर सिर्फ नफरत ही बचेगीं ! हमारे नकली विज्ञान नकली सभ्यता से कही बेहतर है यह प्रकृति को समझने वाले नंग धड़ंग लोग ! #कॉपी 🙏🙏
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