शिक्षा: *हाईस्कूल सामाजिक विज्ञान स्कोरिंग है* कानपुर,हाईस्कूल सामाजिक विज्ञान बड़ा ही ज्ञानवर्धक विषय है। परीक्षार्थी इसमें समय प्रबंधन,शुद्धता और गतिशीलता, उत्तरों को पैराग्राफ बना के,मानचित्र पर ध्यान दें तो बहुत अच्छे अंक प्राप्त होते हैं।अधिक जानकारी के संबंध में पी पी एन इंटर कॉलेज के सामाजिक विज्ञान के अध्यापक सूर्य नारायण ने बताया कि यू०पी० बोर्ड हाईस्कूल सामाजिक विषय प्रश्न पत्र में इतिहास, भूगोल,अर्थशास्त्र,व नागरिक शास्त्र संबंधित प्रश्न छात्रों से पूछे जाते हैं।छात्रों द्वारा तैयार कोर्स का हफ्ते में दो बार रिवीजन करना चाहिए तथा परीक्षा में उन्हीं प्रश्नों का उत्तर पहले लिखना चाहिए,जिन्हें वह अच्छे से याद हो,इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और पर्याप्त समय भी बच जाता है।छात्र प्रश्नों को उनके महत्व के अनुसार ही प्राथमिकता दें।परीक्षा के समय प्रश्न के अनुसार ही शब्दों का प्रयोग करें अर्थात यदि पेपर में परिभाषा पूछी गई हो,तो केवल परिभाषा ही लिखें ज्यादा नहीं।ज्यादातर छात्रों का यह मानना है कि ज्यादा लम्बा उत्तर लिखने से उन्हें परीक्षक ज्यादा अंक देंगे,यह सही नहीं है ।परीक्षक केवल उचित व सही उत्तरो का मूल्यांकन करते है।अब स्टेप मार्किंग होती है ।विकल्पों में दिए गए प्रश्नों को काफी सोच समझ कर विकल्प को चुनना चाहिए ।पेपर में दिए गए सभी प्रश्नों का उत्तर देना चाहिए।सामाजिक विज्ञान विषय में नोट्स बनाना सबसे अधिक उपयोगी रहता है।उत्तर लिखते समय हर दो शब्दों के बीच उचित स्पेस छोड़कर लिखना चाहिए।ज्यादातर उत्तरों को पॉइंट्स बनाकर प्रत्येक उत्तर के पहले और बाद एक या दो लाइने जरूर छोड़ें, इसके बाद में कुछ और पॉइंट्स अगर जोड़ना है तो आप कॉपी मे लिख दे, जिससे साफ दिखेगी। विद्यार्थी घबराए नहीं,बल्कि शांत एवं केंद्रित होकर प्रश्नों का उत्तर लिखें।आपके पास काफी समय रहेगा और मुश्किल प्रश्नों का उत्तर सोचने में समझदारी आएगी और आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।नवीन पाठ्यक्रम अनुसार हाई स्कूल सामाजिक विज्ञान में ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत 20 अंक ,नागरिक जीवन 15 अंक ,पर्यावरणीय अध्ययन 20 अंक व आर्थिक विकास 15 अंक निर्धारित है इतिहास संबंधी प्रश्न में यूरोप का राष्ट्रवाद का उदय, भारत का राष्ट्रवाद ,भूमंडलीकरण, विश्व का बनना, औद्योगिकीकरण का युग, मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया। भूगोल प्रश्नों में संसाधन एवं विकास,वन एवं वन्य जीवन,संसाधन ,जल संसाधन,खनिज और ऊर्जा संसाधन व विनिर्माण उद्योग।अर्थशास्त्र प्रश्न में विकास, भारतीय,अर्थव्यवस्था का क्षेत्रकमुद्रा और खास तथा नागरिक शास्त्र प्रश्न में सत्ता की साझेदारी, संघवाद,लोकतंत्र, वजह विविधता,जाति,धर्म और लैंगिक मसले,राजनीतिक दल,जन संघर्ष और आंदोलन।भारत व विश्व का मानचित्र अच्छी तरह से तैयार करे। समय से प्रश्न पत्र हल करें,अंत में लिखे गए वस्तुनिष्ठ एवं अति लघु उत्तरीय उत्तरों का एक बार रिवीजन अवश्य कर लें। कृत्य:नायाब टाइम्स


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यमदुतिया के दिन: *क्यों कायस्थ 24 घंटे के लिए नही करते कलम का उपयोग* "मुकुल श्रीवास्तव" स्वर्ग लोक से मृत्यु लोक:- जब भगवान राम के राजतिलक में निमंत्रण छुट जाने से नाराज भगवान् चित्रगुप्त ने रख दी थी कलम !!उस समय परेवा काल शुरू हो चुका था "परेवा के दिन कायस्थ समाज कलम का प्रयोग नहीं करते हैं यानी किसी भी तरह का का हिसाब - किताब नही करते है आखिर ऐसा क्यूँ है ?" कि पूरी दुनिया में कायस्थ समाज के लोग दीपावली के दिन पूजन के बाद कलम रख देते है और फिर यमदुतिया के दिन कलम- दवात के पूजन के बाद ही उसे उठाते है I इसको लेकर सर्व समाज में कई सवाल अक्सर लोग कायस्थों से करते है ? ऐसे में अपने ही इतिहास से अनभिग्य कायस्थ युवा पीढ़ी इसका कोई समुचित उत्तर नहीं दे पाती है I जब इसकी खोज की गई तो इससे सम्बंधित एक बहुत रोचक घटना का संदर्भ हमें किवदंतियों में मिला I कहते है जब भगवान् राम दशानन रावण को मार कर अयोध्या लौट रहे थे, तब उनके खडाऊं को राजसिंहासन पर रख कर राज्य चला रहे राजा भरत ने गुरु वशिष्ठ को भगवान् राम के राज्यतिलक के लिए सभी देवी देवताओं को सन्देश भेजने की व्यवस्था करने को कहा I गुरु वशिष्ठ ने ये काम अपने शिष्यों को सौंप कर राज्यतिलक की तैयारी शुरू कर दीं I ऐसे में जब राज्यतिलक में सभी देवीदेवता आ गए तब भगवान् राम ने अपने अनुज भरत से पूछा भगवान चित्रगुप्त नहीं दिखाई दे रहे है इस पर जब खोज बीन हुई तो पता चला की गुरु वशिष्ठ के शिष्यों ने भगवान चित्रगुप्त को निमत्रण पहुंचाया ही नहीं था जिसके चलते भगवान् चित्रगुप्त नहीं आये I इधर भगवान् चित्रगुप्त सब जान चुके थे और इसे प्रभु राम की महिमा समझ रहे थे । फलस्वरूप उन्होंने गुरु वशिष्ठ की इस भूल को अक्षम्य मानते हुए यमलोक में सभी प्राणियों का लेखा जोखा लिखने वाली कलम को उठा कर किनारे रख दिया I सभी देवी देवता जैसे ही राजतिलक से लौटे तो पाया की स्वर्ग और नरक के सारे काम रुक गये थे , प्राणियों का का लेखा जोखा ना लिखे जाने के चलते ये तय कर पाना मुश्किल हो रहा था की किसको कहाँ भेजे I *तब गुरु वशिष्ठ की इस गलती को समझते हुए भगवान राम ने अयोध्या में भगवान् विष्णु द्वारा स्थापित भगवान चित्रगुप्त के मंदिर* (श्री अयोध्या महात्मय में भी इसे श्री धर्म हरि मंदिर कहा गया है धार्मिक मान्यता है कि अयोध्या आने वाले सभी तीर्थयात्रियों को अनिवार्यत: श्री धर्म-हरि जी के दर्शन करना चाहिये, अन्यथा उसे इस तीर्थ यात्रा का पुण्यफल प्राप्त नहीं होता।) *में गुरु वशिष्ठ के साथ जाकर भगवान चित्रगुप्त की स्तुति की और गुरु वशिष्ठ की गलती के लिए क्षमायाचना की, जिसके बाद भगवान राम के आग्रह मानकर भगवान चित्रगुप्त ने लगभग ४ पहर (२४ घंटे बाद ) पुन: *कलम दवात की पूजा करने के पश्चात उसको उठाया और प्राणियों का लेखा जोखा लिखने का कार्य आरम्भ किया I कहते तभी से कायस्थ दीपावली की पूजा के पश्चात कलम को रख देते हैं और *यमदुतिया के दिन भगवान चित्रगुप्त का विधिवत कलम दवात पूजन करके ही कलम को धारण करते है* कहते है तभी से कायस्थ ब्राह्मणों के लिए भी पूजनीय हुए और इस घटना के पश्चात मिले वरदान के फलस्वरूप सबसे दान लेने वाले ब्राह्मणों से दान लेने का हक़ सिर्फ कायस्थों को ही है............✍ कृत्य:नायाब टाइम्स
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*--1918 में पहली बार इस्तेमाल हुआ ''हिन्दू'' शब्द !--* *तुलसीदास(1511ई०-1623ई०)(सम्वत 1568वि०-1680वि०)ने रामचरित मानस मुगलकाल में लिखी,पर मुगलों की बुराई में एक भी चौपाई नहीं लिखी क्यों ?* *क्या उस समय हिन्दू मुसलमान का मामला नहीं था ?* *हाँ,उस समय हिंदू मुसलमान का मामला नहीं था क्योंकि उस समय हिन्दू नाम का कोई धर्म ही नहीं था।* *तो फिर उस समय कौनसा धर्म था ?* *उस समय ब्राह्मण धर्म था और ब्राह्मण मुगलों के साथ मिलजुल कर रहते थे,यहाँ तक कि आपस में रिश्तेदार बनकर भारत पर राज कर रहे थे,उस समय वर्ण व्यवस्था थी।तब कोई हिन्दू के नाम से नहीं जाति के नाम से पहचाना जाता था।वर्ण व्यवस्था में ब्राह्मण,क्षत्रिय,वैश्य से नीचे शूद्र था सभी अधिकार से वंचित,जिसका कार्य सिर्फ सेवा करना था,मतलब सीधे शब्दों में गुलाम था।* *तो फिर हिन्दू नाम का धर्म कब से आया ?* *ब्राह्मण धर्म का नया नाम हिन्दू तब आया जब वयस्क मताधिकार का मामला आया,जब इंग्लैंड में वयस्क मताधिकार का कानून लागू हुआ और इसको भारत में भी लागू करने की बात हुई।* *इसी पर ब्राह्मण तिलक बोला था,"क्या ये तेली, तम्बोली,कुणभठ संसद में जाकर हल चलायेंगे,तेल बेचेंगे ? इसलिए स्वराज इनका नहीं मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है यानि ब्राह्मणों का। हिन्दू शब्द का प्रयोग पहली बार 1918 में इस्तेमाल किया गया।* *तो ब्राह्मण धर्म खतरे में क्यों पड़ा ?* *क्योंकि भारत में उस समय अँग्रेजों का राज था,वहाँ वयस्क मताधिकार लागू हुआ तो फिर भारत में तो होना ही था।* *ब्राह्मण की संख्या 3.5% हैं,अल्पसंख्यक हैं तो राज कैसे करेंगे ?* *ब्राह्मण धर्म के सारे ग्रंथ शूद्रों के विरोध में,मतलब हक-अधिकार छीनने के लिए,शूद्रों की मानसिकता बदलने के लिए षड़यंत्र का रूप दिया गया।* *आज का OBC ही ब्राह्मण धर्म का शूद्र है। SC (अनुसूचित जाति) के लोगों को तो अछूत घोषित करके वर्ण व्यवस्था से बाहर रखा गया था।* *ST (अनुसूचित जनजाति) के लोग तो जंगलों में थे उनसे ब्राह्मण धर्म को क्या खतरा ? ST को तो विदेशी आर्यों ने सिंधु घाटी सभ्यता संघर्ष के समय से ही जंगलों में जाकर रहने पर मजबूर किया उनको वनवासी कह दिया।* *ब्राह्मणों ने षड़यंत्र से हिन्दू शब्द का इस्तेमाल किया जिससे सबको को समानता का अहसास हो लेकिन ब्राह्मणों ने समाज में व्यवस्था ब्राह्मण धर्म की ही रखी।जिसमें जातियाँ हैं,ये जातियाँ ही ब्राह्मण धर्म का प्राण तत्व हैं, इनके बिना ब्राह्मण का वर्चस्व खत्म हो जायेगा।* *इसलिए तुलसीदास ने मुसलमानों के विरोध में नहीं शूद्रों के विरोध में शूद्रों को गुलाम बनाए रखने के लिए लिखा !* *"ढोल गंवार शूद्र पशु नारी।ये सब ताड़न के अधिकारी।।"* *अब जब मुगल चले गये,देश में OBC-SC के लोग ब्राह्मण धर्म के विरोध में ब्राह्मण धर्म के अन्याय अत्याचार से दुखी होकर इस्लाम अपना लिया था* *तो अब ब्राह्मण अगर मुसलमानों के विरोध में जाकर षड्यंत्र नहीं करेगा तो OBC,ST,SC के लोगों को प्रतिक्रिया से हिन्दू बनाकर,बहुसंख्यक लोगों का हिन्दू के नाम पर ध्रुवीकरण करके अल्पसंख्यक ब्राह्मण बहुसंख्यक बनकर राज कैसे करेगा ?* *52% OBC का भारत पर शासन होना चाहिये था क्योंकि OBC यहाँ पर अधिक तादात में है लेकिन यहीं वर्ग ब्राह्मण का सबसे बड़ा गुलाम भी है। यहीं इस धर्म का सुरक्षाबल बना हुआ है,यदि गलती से भी किसी ने ब्राह्मणवाद के खिलाफ आवाज़ उठाई तो यहीं OBC ब्राह्मणवाद को बचाने आ जाता है और वह आवाज़ हमेशा के लिये खामोश कर दी जाती है।* *यदि भारत में ब्राह्मण शासन व ब्राह्मण राज़ कायम है तो उसका जिम्मेदार केवल और केवल OBC है क्योंकि बिना OBC सपोर्ट के ब्राह्मण यहाँ कुछ नही कर सकता।* *OBC को यह मालूम ही नही कि उसका किस तरह ब्राह्मण उपयोग कर रहा है, साथ ही साथ ST-SC व अल्पसंख्यक लोगों में मूल इतिहास के प्रति अज्ञानता व उनके अन्दर समाया पाखण्ड अंधविश्वास भी कम जिम्मेदार नही है।* *ब्राह्मणों ने आज हिन्दू मुसलमान समस्या देश में इसलिये खड़ी की है कि तथाकथित हिन्दू (OBC,ST,SC) अपने ही धर्म परिवर्तित भाई मुसलमान,ईसाई से लड़ें,मरें क्योंकि दोनों ओर कोई भी मरे फायदा ब्राह्मणों को ही हैं।* *क्या कभी आपने सुना है कि किसी दंगे में कोई ब्राह्मण मरा हो ? जहर घोलनें वाले कभी जहर नहीं पीते हैं।*
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Sr. IAS: Nayab Times family congratulating Shri Mukesh Kr Meshram Ji , IAS for becoming commissioner Lucknow. *We are proud of you sir!!!*
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