नारी हिम्मत: * 'Rekha is arriving soon in a Maruti Suzuki Swift Dzire'. मैंने नाम नोटिस किया लेकिन उस पर बहुत सोचा नहीं. लेकिन जब कैब आई तो देखा अरे ये तो सच में रेखा है!* दिल्ली, "नारी हिम्मत" रेखा को इस तरह देखकर मुझे इतनी ख़ुशी हुई. लगा कि wow. हम स्टोरीज़ में अक्सर पढ़ते रहते हैं लेकिन कितनी बार दिल्ली जैसे शहर में ऐसा होता है कि कोई बंदी आपको ओला/ऊबर से पिक करने आए. मैंने चहकते हुए कहा कि आपने मेरा दिन बना दिया. मेरा पहला रिएक्शन था, "रेखा आपसे तो सारे लोग, बहुत सारी बातें करते होंगे ना. आपने तो लगभर हर किसी को अपनी कहानी सुनाई होगी. क्या आप बोर हो गई हैं, थक गई हैं या मुझे भी अपनी कहानी सुनाएंगी"? रेखा भी एकदम खु़श थी. उसने भी बहुत मुस्कुराते हुए उत्साह से बताया, "अभी तो मुझे 10 ही दिन हुए हैं. लेकिन सारे लोग बहुत अच्छे से ही मिलते हैं. खूब बात करते हैं. लगभग सबसे बात हुई है मेरी." फिर घर-बार की बात हुई. मैंने उससे बेसिक बातें जानना चाहीं कि घर पर कौन कौन है. क्या सब साथ देते हैं? या नाराज़ होते हैं. कैसा है सबकुछ. बोली, "मैं 32 साल की हूं. दिल्ली में ही रहती हूं. मेरे दो बच्चे हैं. एक 12 साल का बेटा है एक 10 साल का. पति हैं लेकिन वो 6-6 महीने के लिए बाहर रहते हैं". मैंने हैरानी जताई. 6-6 महीने बाहर! क्या काम करते हैं वो? वो बोली, "वो ड्रिंक करते हैं"! पहले मुझे समझ नहीं आया. मुझे लगा कि शायद अल्कोहर के बिज़नेस में हैं. लेकिन तब तक वो बोल पड़ी, "उनका काम है सिर्फ़ पीना. नहाए रहते हैं वो ड्रिंक में. और फिर महीनों के लिए घर से बाहर". फिर सबसे दिलचस्प हिस्सा सामने आया. रेखा ने बताया कि ये स्विफ्ट डिज़ायर उसने लोन पर अपने पति के लिए ली थी. लेकिन उसके पति ने कुछ ही दिन वो गाड़ी चलाई और सबकुछ ड्रिंक करने में ख़र्च कर दिया. उसके बाद रेखा ने एक एनजीओ की मदद ली. आज़ाद फाउंडेशन ने उसे गाड़ी चलाया सिखाया. उसने बताया, "मैंने सिर्फ 2 हजार रुपए दिए थे. एनजीओ ने मुझे गाड़ी चलाना सिखाया. मेरा लायसेंस बनवाया और ऊबर में लगवाया मुझे". कहा, "मैं बस सेटल होना चाहती हूं और मुझे पता है मैं कर लूंगी क्योंकि मेरे पास करने के लिए सिर्फ़ काम है. हालांकि रात को देर होती है तो घर वाले नाराज़ होते हैं. मेरा 12 साल वाला बेटा मुझसे कहता है कि मां आप घर पर नहीं रहती हो तो खाना खाने का दिल नहीं करता है. लेकिन वो समझता है कि घर के लिए जो भी कर रही हैं मां कर रही हैं, तो वो अपना और भाई का ख़याल रखने लगा है". उसने ये भी बताया कि कैसे वो अपने पति से तलाक़ नहीं ले पा रही है क्योंकि उसके पिता नहीं चाहते कि वो डिवोर्स ले. उसने कहा, "मैंने कोशिश की लेकिन कुछ हुआ नहीं. प्राइवेट वक़ील करने के पैसे नहीं हैं. लेकिन अभी आने वाले 4 साल मेरा सिर्फ यही मक़सद है कि मैं काम करूं और अपना लोन चुकाऊं. बाकी सबकुछ बाद में. मैं पहले अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हूं." इसे कहते हैं नारी हिम्मत। कृत्य:नायाब टाइम्स


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टप टप बस में बरसा पानी: *अवध डिपो की जनरथ वातानुकूलित बस से टपक रहा पानी रात को रक्षाबंधन के यात्री छाता लेकर करेंगे सफर* *लखनऊ* उ०प्र०परि० निगम अवध डिपो लखनऊ क्षेत्र की प्रयागराज मार्ग की बस को 13/08/2019 को दिल्ली भेजा गया है,शासन द्वारा शख्त निर्देश होने के बावजूद भी कार्यशाला में बसों का काम नही हो रहा है,जब कोई दुर्घटना होगी तो चालक को जिम्मेदार ठहरा कर बच लेंगे,बरसात के इस मौसम में पूरी बस के अंदर पानी भर रहा है और सीटे भी भीग रही है ऐसे में कैसे यात्री सफर करेंगे जबकि 14/08/2019 की मध्यरात्रि में इस बस को रक्षाबंधन के यात्री लेकर बापस लखनऊ आना है। *कृत्य:नायाब टाइम्स*
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ये मृत्यु लोक है: *ह्र्दयरोग विशेषज्ञ मृत्यु लोक पे "डॉ०राजेश श्रीवास्तव एवं डॉ० संतोष यादव " की रोगियों के बीज अच्छी छवि है तभी तो ईश्वर का भेजा उन्हे फरिश्ता मानते है* लखनऊ,मृत्यु लोक में भारत केउत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के डॉ०श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल हास्पिटल हजरतगंज पार्क रोड लखनऊ के "विशेष गहन चिकित्सा कक्ष" ह्र्दय रोग विभाग में तेयनात डॉ०राजेश श्रीवास्तव "ह्र्दयरोग विशेषज्ञ" एवं डॉ०संतोष यादव 'ह्र्दय रोग विशेषज्ञ' मरीजों को उनकी सेवा उपचार अपने अनुभवों के अनुसार दिन हो या रात किया करते हैं और नियमित दवाओं को बिना नागा खाने की सलाह भी मरीज के साथ तीमारदारों के समाने रख हँसते हुवे जहाँ करते हैं वही उनका मत है कि मृत्यु लोक पे हदृय रोग की बीमारी बहुत अधिक बढ़ती जारही है जिससे मानव की मौत भी अधिक हो जाती है लेकिन आज कल मानव अपने जीवन का न खयाल कर तरह तरह के लज़ीज़ खाने/पकवानों का सेवन इस कदर किया करता है कि ह्र्दय रोग से ग्रस्त हो कर अपनी आने वाली नाशलो में वो बीज बोदेता है यही ह्र्दय रोग का कारण ही है । कृत्य:नायाब टाइम्स
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी की बैठक: *हेल्थ प्रोफेशनल के प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन सम्पन्न* रायबरेली: "सू०वि०रा०" दिनाँक,20 नवम्बर, 2020 द्वारा जारी विज्ञति से अवगत हुआ है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 वीरेन्द्र कुमार सिंह के निर्देश में हेल्थ प्रोफेशनल के प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के ए0एन0एम0टी0सी0 सभागार में आयोजित किया गया। कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/नोडल अधिकारी डा0 खालिद रिजवान अहमद द्वारा जनपद में जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के उद्देश्यों एवं लक्ष्यों के बारे में विस्तार से बताते हुए की गयी। कार्यशाला में द्वारा कोटपा अधिनियम-2003 की धारा-4 सार्वजनिक स्थानों पर तम्बाकू/धुम्रपान निषेध परिसर के बारे में बताया गया। पूनम यादव, जिला परामर्षदाता, तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ द्वारा तम्बाकू के सेवन से होने वाली दुष्यपरिणामों के बारे में अवगत कराते हुए बताया गया कि जन-मानस में तम्बाकू का सेवन बहुत अधिक मात्रा में पुरूषों के साथ महिलाओं द्वारा भी किया जा रहा है। जिसके परिणाम बहुत ही गम्भीर है, तम्बाकू का धुआॅ रहित या धुएं के साथ दोनों तरह का उपयोग समाज के लिए हानिकारक है। जिसके लिए भारत सरकार का तम्बाकू नियंत्रण कानून-‘‘2003’’ सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद’’ (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाण्ज्यि, उत्पादन, प्रादाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम-2003 के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी। बैठक में डा0 दिलीप कुमार सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डी0एस0 अस्थाना, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी, डा0 छोटेलाल, प्रभारी डब्लू0एच0ओ0, डाटा इन्ट्री आॅपरेटर श्रेयजीत श्रीवास्तव, काउन्सलर संदीप शर्मा, रिजवाना परवीन, क्रान्ति सोनी डी0पी0ए0, अनूप कुमार पाण्डेय, संयम शर्मा आदि लोग उपस्थित थे। कृत्य:नायाब टाइम्स
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मुत्यु लोक का सच:*आचार्य रजनीश* (१) जब मेरी मृत्यु होगी तो आप मेरे रिश्तेदारों से मिलने आएंगे और मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो अभी आ जाओ ना मुझ से मिलने। (२) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरे सारे गुनाह माफ कर देंगे, जिसका मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो आज ही माफ कर दो ना। (३) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरी कद्र करेंगे और मेरे बारे में अच्छी बातें कहेंगे, जिसे मैं नहीं सुन सकूँगा, तो अभी कहे दो ना। (४) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आपको लगेगा कि इस इन्सान के साथ और वक़्त बिताया होता तो अच्छा होता, तो आज ही आओ ना। इसीलिए कहता हूं कि इन्तजार मत करो, इन्तजार करने में कभी कभी बहुत देर हो जाती है। इस लिये मिलते रहो, माफ कर दो, या माफी माँग लो। *मन "ख्वाईशों" मे अटका रहा* *और* *जिन्दगी हमें "जी "कर चली गई.*
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हैप्पी बर्थडे शिवा कान्त द्विवेदी जी: Lucknow,"Happy Birthday" Aaj hamare apnye shathi Shiva Kant Dwivedi (sr,IAS) 57,years old.up government k Adhikari ka janam din hai.es Khushi me unko bahut bahut'Mubarak Baad' Happy Birthday Shivkant Dwivedi Ji jiyou saalo saal ye duwaa hai meri happy zindagi. by: Nayab Times.
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