गुरु की तलाश में नायाब: *"गुरु पूर्णिमा"* "गुरु/उस्ताद वो जो अपने को दर्शाए नहीं" *आदिकाल से सनातन धर्म समय-समय पर अनेक पर्व एवं त्योहारों के लिए जाना जाता रहा है | सनातन धर्म के प्रत्येक पर्व एवं त्योहार आध्यात्मिकता एवं आत्मीयता से जुड़े हुए हैं | इसी क्रम में आषाढ़ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को "गुरु पूर्णिमा" का पावन पर्व मनाया जाता है | मानव जीवन में सद्गुरु का बहुत बड़ा महत्व है | जन्म देने वाली माता जीवन की प्रथम गुरु होती है उसके बाद मनुष्य के जीवन को प्रकाशित करने के लिए मानव जीवन में सद्गुरु का प्रवेश होता है | जिस प्रकार भगवान वेदव्यास ने वेदों के गूढ़ रहस्यों को सरल करके मानव मात्र के लिए अठारह पुराणों की रचना कर दी उसी प्रकार सद्गुरु भी जीवन के रहस्यों को सुलझाकर अपने शिष्य को प्रकाशित कर देते हैं | गुरु के बिना इस भवसागर से पार नहीं जाया जा सकता है | गुरु महिमा की व्याख्या करना सूर्य को दीपक दिखाने जैसा है | जो शक्ति मनुष्य को अंधकार से निकालकर प्रकाश में खड़ा कर देती उसे गुरु कहां गया है | भगवान वेदव्यास के प्राकट्य दिवस के पावन दिन पर गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया जाता है | जो मनुष्य को किसी भी विषय विशेष में ज्ञान प्रदान करके उसका मार्गदर्शन करें वह गुरु की श्रेणी में आ जाता है | गुरु का सम्मान करना प्रत्येक मनुष्य का प्रथम कर्तव्य होता है क्योंकि यदि गुरु रूठ जाते हैं तो परमात्मा भी उसकी शररण नहीं दे सकते | गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व अपने गुरु के प्रति श्रद्धा व सम्मान का दिवस होता है | गुरुसत्ता का पूजन बड़े श्रद्धा एवं सम्मान के साथ करना चाहिए | सनातन धर्म में सर्वोच्चता को प्राप्त की ब्रह्मा विष्णु महेश भी गुरु के समक्ष गौण हो जाते हैं | किसी भी देवता का पूजन करने से पहले गुरु के पूजन को महत्व दिया गया है , गुरुदेव की महिमा का बखान करने की सामर्थ्य स्वयं शारदा जी मे भी नहीं है |* *आज मनुष्य आधुनिकता के अंधानुकरण में अपने सभी धार्मिक , पौराणिक एवं सामाजिक पर्वों को भूलता चला जा रहा है | आज अनेक ऐसे शिष्य भी देखने को मिलते हैं जो अपने सद्गुरु के सीढ़ी बनाकर सफलता के शिखर पर पहुंच जाते हैं परंतु बाद में उनके द्वारा उसी गुरुसत्ता को उपेक्षित करने का प्रयास किया जाता है | कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि जिससे मैंने गुरुदीक्षा ली है वही हमारा गुरु है | यह अकाट्य सत्य भी है परंतु ऐसे सभी लोगों को मैं बताना चाहूंगा कि गुरु किसे कहते हैं :- प्रेरक: सूचकश्चैव वाचको दर्शकस्तथा ! शिक्षको बोधकश्चैव षडेते गुरुव: स्मृता: !! अर्थात :- प्रेरणा देने वाले , सूचना देने वाले , (सच) बताने वाले , (मार्ग) दिखाने वाले , शिक्षा देने वाले एवं जीवन के रहस्यों का बोध कराने वाले आदि गुरु की श्रेणी में आते हैं | गुरुदेव को पहले ब्रह्मा , विष्णु , महेश की उपमा दी गयी परंतु यह पद भी छोटा लगने लगा तो उन्हें साक्षात परब्ह्म कह दिया गया | ब्रह्म का कार्य है सृजन करना तो एक गुरु भी मनुष्य योनि में जन्मे जीव को मनुष्यता प्रदान करने अर्थात सृजन करने का कार्य करते हैं | प्रत्येक मनुष्य को अपने गुरु के प्रति सम्मान बनाये रखते हुए समय समय पर उनके द्वारा प्रदत्त ज्ञान को आत्मसात करते हुए जीवन को र्रकाशित करने का कार्य करते रहना चाहिए | बिना गुरु के ज्ञान नहीं हो सकता ! आज के दिन प्रत्येक मनुष्य को यह चाहिए कि वह जिसे भी अपना गुरु मानता हो उसके चरणों में अवश्य पहुँचने का प्रयास करना चाहिए ! आज का दिन विशेष है वर्ष भर की चाही - अनचाही कटुता एवं विषमता को भूलकर गुरुदेव के चरणें में प्रणाम करते हुए अपने जीवन को सार्थक करने का पर्व है "गुरु पूर्णिमा" |* *देवताओं की कृपा प्राप्त करने के पहले सद्गुरु की कृपा प्राप्त करना परम आवश्यक है | गुरुपूर्णिमा के पावन दिवस पर सद्गुरु का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त करके अपने जीवन को धन्य बनाने का प्रयास करना चाहिए |*


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टप टप बस में बरसा पानी: *अवध डिपो की जनरथ वातानुकूलित बस से टपक रहा पानी रात को रक्षाबंधन के यात्री छाता लेकर करेंगे सफर* *लखनऊ* उ०प्र०परि० निगम अवध डिपो लखनऊ क्षेत्र की प्रयागराज मार्ग की बस को 13/08/2019 को दिल्ली भेजा गया है,शासन द्वारा शख्त निर्देश होने के बावजूद भी कार्यशाला में बसों का काम नही हो रहा है,जब कोई दुर्घटना होगी तो चालक को जिम्मेदार ठहरा कर बच लेंगे,बरसात के इस मौसम में पूरी बस के अंदर पानी भर रहा है और सीटे भी भीग रही है ऐसे में कैसे यात्री सफर करेंगे जबकि 14/08/2019 की मध्यरात्रि में इस बस को रक्षाबंधन के यात्री लेकर बापस लखनऊ आना है। *कृत्य:नायाब टाइम्स*
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ये मृत्यु लोक है: *ह्र्दयरोग विशेषज्ञ मृत्यु लोक पे "डॉ०राजेश श्रीवास्तव एवं डॉ० संतोष यादव " की रोगियों के बीज अच्छी छवि है तभी तो ईश्वर का भेजा उन्हे फरिश्ता मानते है* लखनऊ,मृत्यु लोक में भारत केउत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के डॉ०श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल हास्पिटल हजरतगंज पार्क रोड लखनऊ के "विशेष गहन चिकित्सा कक्ष" ह्र्दय रोग विभाग में तेयनात डॉ०राजेश श्रीवास्तव "ह्र्दयरोग विशेषज्ञ" एवं डॉ०संतोष यादव 'ह्र्दय रोग विशेषज्ञ' मरीजों को उनकी सेवा उपचार अपने अनुभवों के अनुसार दिन हो या रात किया करते हैं और नियमित दवाओं को बिना नागा खाने की सलाह भी मरीज के साथ तीमारदारों के समाने रख हँसते हुवे जहाँ करते हैं वही उनका मत है कि मृत्यु लोक पे हदृय रोग की बीमारी बहुत अधिक बढ़ती जारही है जिससे मानव की मौत भी अधिक हो जाती है लेकिन आज कल मानव अपने जीवन का न खयाल कर तरह तरह के लज़ीज़ खाने/पकवानों का सेवन इस कदर किया करता है कि ह्र्दय रोग से ग्रस्त हो कर अपनी आने वाली नाशलो में वो बीज बोदेता है यही ह्र्दय रोग का कारण ही है । कृत्य:नायाब टाइम्स
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी की बैठक: *हेल्थ प्रोफेशनल के प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन सम्पन्न* रायबरेली: "सू०वि०रा०" दिनाँक,20 नवम्बर, 2020 द्वारा जारी विज्ञति से अवगत हुआ है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 वीरेन्द्र कुमार सिंह के निर्देश में हेल्थ प्रोफेशनल के प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के ए0एन0एम0टी0सी0 सभागार में आयोजित किया गया। कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/नोडल अधिकारी डा0 खालिद रिजवान अहमद द्वारा जनपद में जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के उद्देश्यों एवं लक्ष्यों के बारे में विस्तार से बताते हुए की गयी। कार्यशाला में द्वारा कोटपा अधिनियम-2003 की धारा-4 सार्वजनिक स्थानों पर तम्बाकू/धुम्रपान निषेध परिसर के बारे में बताया गया। पूनम यादव, जिला परामर्षदाता, तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ द्वारा तम्बाकू के सेवन से होने वाली दुष्यपरिणामों के बारे में अवगत कराते हुए बताया गया कि जन-मानस में तम्बाकू का सेवन बहुत अधिक मात्रा में पुरूषों के साथ महिलाओं द्वारा भी किया जा रहा है। जिसके परिणाम बहुत ही गम्भीर है, तम्बाकू का धुआॅ रहित या धुएं के साथ दोनों तरह का उपयोग समाज के लिए हानिकारक है। जिसके लिए भारत सरकार का तम्बाकू नियंत्रण कानून-‘‘2003’’ सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद’’ (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाण्ज्यि, उत्पादन, प्रादाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम-2003 के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी। बैठक में डा0 दिलीप कुमार सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डी0एस0 अस्थाना, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी, डा0 छोटेलाल, प्रभारी डब्लू0एच0ओ0, डाटा इन्ट्री आॅपरेटर श्रेयजीत श्रीवास्तव, काउन्सलर संदीप शर्मा, रिजवाना परवीन, क्रान्ति सोनी डी0पी0ए0, अनूप कुमार पाण्डेय, संयम शर्मा आदि लोग उपस्थित थे। कृत्य:नायाब टाइम्स
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मुत्यु लोक का सच:*आचार्य रजनीश* (१) जब मेरी मृत्यु होगी तो आप मेरे रिश्तेदारों से मिलने आएंगे और मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो अभी आ जाओ ना मुझ से मिलने। (२) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरे सारे गुनाह माफ कर देंगे, जिसका मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो आज ही माफ कर दो ना। (३) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरी कद्र करेंगे और मेरे बारे में अच्छी बातें कहेंगे, जिसे मैं नहीं सुन सकूँगा, तो अभी कहे दो ना। (४) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आपको लगेगा कि इस इन्सान के साथ और वक़्त बिताया होता तो अच्छा होता, तो आज ही आओ ना। इसीलिए कहता हूं कि इन्तजार मत करो, इन्तजार करने में कभी कभी बहुत देर हो जाती है। इस लिये मिलते रहो, माफ कर दो, या माफी माँग लो। *मन "ख्वाईशों" मे अटका रहा* *और* *जिन्दगी हमें "जी "कर चली गई.*
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हैप्पी बर्थडे शिवा कान्त द्विवेदी जी: Lucknow,"Happy Birthday" Aaj hamare apnye shathi Shiva Kant Dwivedi (sr,IAS) 57,years old.up government k Adhikari ka janam din hai.es Khushi me unko bahut bahut'Mubarak Baad' Happy Birthday Shivkant Dwivedi Ji jiyou saalo saal ye duwaa hai meri happy zindagi. by: Nayab Times.
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