मीडिया हिट में अध्यक्ष ने दिया ज्ञापन: *प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति-2020 पर तत्काल रोक लगाने की मांग एवं सरकार का अखबारों को समाप्त करने का षडयंत्रः गुरिन्दर सिंह "अध्यक्ष" ने दिया विरोध ज्ञापन* नई दिल्ली, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति-2020 का विरोध करते हुए आज आॅल इण्डिया स्माॅल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स फेडरेशन ने इस नीति पर तत्काल रोक लगाने की मांग का ज्ञापन ब्यूरो आॅफ आउटरीच कम्यूनिकेशन (डीएवीपी) के महानिदेशक सत्येंद्र प्रकाश को सौंपा। यद्यपि देश भर के सैकडो प्रकाशक डीएवीपी आफिस पर एकत्रित होकर इस नीति का विरोध करना चाह रहे थे किन्तु कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत शासन के निर्देशों का पालन करते हुए फेडरेशन के 4 सदस्यीय शिष्टमंडल ने डीएवीपी के महानिदेशक से मुलाकात कर ज्ञापन दिया। फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरिन्दर सिंह ने महानिदेशक के समक्ष विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि जब पूरा देश कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है और राष्ट्रव्यापी लाॅकडाडन के कारण प्रिंट मीडिया क्षेत्र संकटकालीन दौर से गुजर रहा है, ऐसे में नई विज्ञापन नीति जारी कर असंवेदनहीनता का परिचय दिया है। नई विज्ञापन नीति से देश के प्रिंट मीडिया तंत्र पर सुनियोजित नकेल कसने की तैयारी की है। उन्होने इस नीति को लघु एवं मझोले समाचार पत्रों पर यह कुठाराघात बताया। महानिदेशक के समक्ष लघु एवं मझोले समाचार पत्रों का जोरदार पक्ष रखकर उन्होने उन्हे फेडरेशन की ओर से ज्ञापन सौंपा। शिष्टमंडल में प्रेस कांउसिल के सदस्य अशोक नवरत्न, फेडरेशन के दिल्ली प्रदेश प्रभारी पवन सहयोगी व वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार शर्मा शामिल थे। *प्रेस कांउसिल के सदस्यों ने किया विरोध* गौरतलब है कि सरकार द्वारा जारी प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति-2020 का देश भर के प्रकाशकों द्वारा विरोध किया जा रहा है। ऐसे समय में नई नीति लागू करने पर भी सवाल खडे हो रहे हैं। इस संबंध में प्रेस काउंसिल आॅफ इंडिया के मूक दशक बने रहने पर भी प्रकाशकों में आक्रोश है। प्रेस कांउसिल के सदस्यों ने काउंसिल के अध्यक्ष को पत्र लिखकर तत्काल इस नीति पर चर्चा कराये जाने की मांग की है और बिना चर्चा के सरकार द्वारा ऐसी नीति लागू करने पर नाराजगी व्यक्त की है। देश के प्रकाशकों की कई प्रतिष्ठित संस्थाओं ने मंत्रालय को पत्र लिख तुरंत इस नीति को वापिस लेने की मांग की है। *प्रिंट मीडिया को बर्बाद करने की मंशा* प्रेस कांउसिल के सदस्य *अशोक कुमार नवरत्न* ने कहा कि सरकार की मंशा लघु एवं मझोले समाचार पत्रों को समाप्त कर देने की है। सरकार अपनी 2016 में जारी विज्ञापन नीति में की गई मनमानी से संतुष्ट नहीं हुई तो 2020 में नई नीति जारी कर दी। अभी प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति-2020 के मामले निस्तारित नहीं हुए हैं। इसलिए प्रकाशकों को ऐसी नीति का पुरजोर विरोध करने की आवश्यकता है। *लघु व मझोले समाचार पत्रों पर संकट* फेडरेशन के *दिल्ली प्रदेश प्रभारी पवन सहयोगी* का कहना है कि नीतियां सभी को समान अवसर प्रदान करने के लिए बनाई जाती है मगर सरकार सिर्फ बडे अखबारों को पोषण करना ही चाहती है। नई विज्ञापन नीति में लघु व मझोले समाचार पत्रों की विज्ञापन राशि घटा दी है तथा 25 हजार से ऊपर प्रसार संख्या वाले समाचार पत्रों के लिए प्रसार संख्या जांच की अनिवार्यता रखी है। आर.एन.आई. संसाधनों की कमी व कोरोनो संक्रमण के कारण लंम्बित मामलों का निस्तारण नहीं कर पा रही है तथा पिछले प्रसार संख्या प्रमाणपत्रों की अवधि 1 वर्ष के लिए बढाई है तो ऐसे में नियत समय के प्रसार जांच के मामलों को निस्तारण हो पाना मुश्किल है। कृत्य:नायाब टाइम्स
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यौमे पैदाइश की मुबारकबाद आरिज़: *"यौमे पैदाइश"1,अक्टूबर 2020 के मौके पर आरिज़ अली को तहेदिल से मुबारकबाद* रायबरेली,आज हमारे पौत्र आरिज़ अली पुत्र नौशाद अली के योमे पैदाइश का दिन 1अक्टूबर 2020 है । जिसकी खुशी में उसे तहेदिल से *मुबारकबाद* "हैप्पी बर्थडे" आरिज़ अली । दोस्तो आप सब गुजरीस है के आप उसको अपनी दुवाओ से भी नवाज़े। *हैप्पी बर्थडे* आरिज़ अली....!🎂💐 नायाब अली लखनवी सम्पादक "नायाब टाइम्स" *अस्लामु अलैकुम/शुभप्रभात* हैप्पी गुरुवार
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गुरुनानक देव जयन्ती बधाई: मृत्यु लोक के सभी जीव जंतु पशु पक्षी प्राणियों को स्वस्थ शरीर एवं लम्बी उम्र दे खुदा आज के दिन की *💐🌹*गुरु नानक जयन्ती पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं/लख लख मुबारक।*💐🌹 * हो.. रब से ये दुआ है कि आपके परिवार में खुशियां ही खुशियाँ हो आमीन..! अपने अंदाज में मस्ती से रहा करता हूँ वो साथ हमारे हैं जो कुछ दूर चला करते हैं । हम आज है संजीदा बेग़म साहेबा के साथ.....! *अस्लामु अलैकुम/शुभप्रभात* हैप्पी सोमवार
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मुत्यु लोक का सच:*आचार्य रजनीश* (१) जब मेरी मृत्यु होगी तो आप मेरे रिश्तेदारों से मिलने आएंगे और मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो अभी आ जाओ ना मुझ से मिलने। (२) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरे सारे गुनाह माफ कर देंगे, जिसका मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो आज ही माफ कर दो ना। (३) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरी कद्र करेंगे और मेरे बारे में अच्छी बातें कहेंगे, जिसे मैं नहीं सुन सकूँगा, तो अभी कहे दो ना। (४) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आपको लगेगा कि इस इन्सान के साथ और वक़्त बिताया होता तो अच्छा होता, तो आज ही आओ ना। इसीलिए कहता हूं कि इन्तजार मत करो, इन्तजार करने में कभी कभी बहुत देर हो जाती है। इस लिये मिलते रहो, माफ कर दो, या माफी माँग लो। *मन "ख्वाईशों" मे अटका रहा* *और* *जिन्दगी हमें "जी "कर चली गई.*
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नायाब टाइम्स हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र
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