मुख्यमंत्री की बैठक: *मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वीडियों काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनप्रतिनिधियों डीएम अन्य अधिकारियों से साथ समीक्षा बैठक करते हुए मुख्यमंत्री जी ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लखनऊ मण्डल के विकास कार्यो की समीक्षा में दिये निर्देश।* रायबरेली,दिनाँक-25 सितम्बर, 2020 को उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कोविड-19 के दृष्टिगत रखते हुए विकास व निर्माण कार्यो को युद्ध स्तर पर तेजी से संचालित करने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि विकास व निर्माण कार्य को गुणवत्तापूर्ण, मानक के अनुरूप समयबद्ध तरीके से पूर्ण किये जाए। कार्यो को समय रहते हुए पूर्ण किये जाने पर जहां लागत में कमी होती है वही जनता को योजनाओं एवं परियोजनाओं का समय से लाभ भी मिलता है। निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए धनराशि नियमानुसार और समय से निर्गत किये जाने के निर्देश देते हुए मा0 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि धनराशि के अभाव में निर्माण कार्य बाधित नही होना चाहिए। विकास परियोजनाओं की भौतिक प्रगति के सम्बन्ध में यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट समय से प्रेषित किये जाए, जिससे धनराशि शासन द्वारा समय से निर्गत की जा सके। मुख्यमंत्री जी ने जनपद रायबरेली सहित लखनऊ मण्डल के सभी जनपदों के जनप्रतिनिधियों से संवाद किया और जनपद सहित मण्डल में संचालित परियोजनाओं की प्रगति के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। विकास योजनाओं की प्रगति के सम्बन्ध में फीडबैक प्राप्त करते हुए जनप्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री जी का आभार भी प्रकट किया गया और कहा कि मुख्यमंत्री जी द्वारा तेजी से विकास कार्यो के संचालन में वर्तमान सरकार के समय में लखनऊ मण्डल सहित प्रदेश का विकास हुआ उतना कभी नही हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने सरकारी आवास पर वीडियों काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा करते हुए कहा कि जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि बेहतर समन्वय बनाते हुए विकास की गति में तेजी लाये। शिलान्यास तथा लोकार्पण कार्यो को जनप्रतिनिधियों द्वारा ही कराया जाए। परियोजनाओं से जनप्रतिनिधियों को जोड़ते हुए उनके नाम शिलापट्ट पर अंकित किये जाए। मुख्यमंत्री जी ने यह भी निर्देश दिये है कि आगामी पर्वाे को ध्यान में रखते हुए जनसामान्य लोगों को कोविड-19 कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव व रोकथाम के लिए विशेष रूप से जागरूक किया जाए तथा आगामी पर्व व त्योहारों को सोशल डिस्टेसिंग व फेस कवर/मास्क का प्रयोग व स्वास्थ्य प्रोटोकाॅल का पूर्ण पालन कतरे हुए घरो पर रहकर ही मनाये जाए एवं कोई भी सार्वजनिक आयोजन न किये जाए। पर्वो व त्योहारों के पूर्व ही सड़कों को गड्ढामुक्त किये जाने तथा नवनिर्माण कार्यो को गुणवत्तापूर्ण ढंग से किए जाने के निर्देश दिये। तकनीकी आधारित व्यवस्थाओं को अपनाते हुए योग्य एवं अनुभवी चिकित्सकों द्वारा अधिक से अधिक गम्भीर रोगियों का बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जाए तथा कोरोना संक्रमण आदि बीमारियों की रोकथाम के लिए कारगर रणनीतियां अपनाते हुए कार्य किये जाए। कोरोना से लड़ना भी है और तेजी से विकास कार्य संचालित करने हंै। इसके दृष्टिगत वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए पूरी सतर्कता व सावधानी अपनाते हुए तथा कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करें तथा कोविड कन्ट्रोल रूम में आने वाली शिकायतों को त्वरित गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें। कन्टेनमेन्ट जोन को प्रभावी ढ़ंग से रखंे। इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेन्टर हर जनपद में 24 घण्टे सक्रिय रहें। होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड मरीजों से प्रतिदिन बेहतर संवाद स्थापित कर उसका कुशलक्षेम्य पूछा जाये यदि कोई समस्या हो तो तत्काल निराकरण करने के साथ ही संवेदशील कैटेगरी के लोगों पर फोकस करते हुए उनकी टेस्टिंग की जाये। हाई रिस्क लोगों के एण्टीजेन टेस्ट निगेटिव आने पर उनका आर0टी0पी0सी0आर0 कराते हुए रोग की स्थिति को कन्फर्म किया जाए। जनपद की सर्विलांस टीमें पूरी तरह से सक्रिय रहे तथा एम्बुलेंस सेवाए बेहतर ढंग से संचालित होने के साथ ही कोविड-19 के पाॅजिटिवविटी रेट न्यूनतम रखने के लिए जरूरी उपाय अपनाये जाए तथा पूरी सतर्कता बरती जाए। कोविड-19 प्रोटोकाॅल और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए 1 अक्टूबर 2020 से शुरू होने वाली धान केन्द्र केन्द्रों पर सुगम व्यवस्था की जाए। किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम धनराशि न मिले इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। लखनऊ में कैसर अस्पताल तैयार हो गया है जिसका शीघ्र लोकापर्ण होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि ओ0डी0ओ0पी0 के तहत चयनित उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए के निर्देश दिये और उत्पादों के सम्बन्ध में हस्तशिल्पों को प्रशिक्षित करें तथा प्रदर्शनी व मार्केंटिग के माध्यम से उन्हें बढ़ावा दिया जाए। खाद्यान्न भण्डारण हेतु गोदाम, कोल्ड स्टोरेज निर्माण आदि पर जोर दिया जाए तथा बेरोजगारों व कामगारों को आत्मनिर्भर योजना में सम्मिलित कर उन्हें स्वरोजगार उपलब्ध कराया जाए। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की जनता को लाभांवित करें। जिसके लिए सरकार लगातार प्रतिबद्ध है यही नहीं लापरवाही व उदासीनता बरते जाने पर जवाबदेही तय की जाएगी। मुख्यमंत्री जी ने कानून व्यवस्था के बारे में कहा कि हर घटना की सूचना पर तत्काल जिम्मेदार अधिकारी पहुंचे और पीड़ितों की मदद करें। घरेलू हिंसा या महिला उत्पीड़न तथा अन्य म.िहलाओं से जुड़े मामलों में पुलिस अत्यधिक गम्भीर रहे वरिष्ठ नागरिकों का पुलिस तन्त्र सम्मान करें। अवैध शराब कारोबार पर सख्ती बरती जाए और आमजन मानस को बेहतर सुख सुविधाओं व सुरक्षा के बीच रखे। मा0 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विकास कार्यो में जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जाए। मा0 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राजस्व संग्रह पर विशेष ध्यान दिया जाए, जीएसटी के तहत व्यापारियों का अधिक से अधिक पंजीकरण कराया जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को राजस्व संग्रह की विभागवार पाक्षिक समीक्षा करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि खाद की कालाबाजारी करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करते हुए उर्वरक आपूर्ति की प्रभावी देख रेख की जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन कराते हुए सम्पूर्ण समाधान दिवस आयोजित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सामुदायिक शौचलयों के लिए ऐसे स्थल का चयन किया जाए जिससे अधिक से अधिक लोग इसका उपयोग कर सकें। सामुदायिक शौचलयों की नियमित सफाई की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना के निमाण कार्यो तथा स्वच्छ भारत मिशन में निर्मित शैचालयों की जियों टैगिंग कराने के निर्देश भी दिये। उन्होनें कहा कि गो-आश्रय स्थलों को सुवयवस्थित ढंग से संचालित किया जाए। जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि जनपद रायबरेली में 129792.10 लाख रूपये से 236.41 कि0मी0 पहुंच मार्ग, 1130.00 लाख से 3 अद्द सेतुओं का निर्माण, 13522.00 लाख से 3120.95 कि0मी0 सड़कों को गड्ढा मुक्त किया गया। 264.23 लाख से आवासीय परिसर लालगंज तहसील का नि.र्माण, 553.77 लाख से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सलोन व 1747.55 लाख से इन्स्टीटयूट ड्राइविंग एण्ड रिसर्च का निर्माण, 1377.00 लाख से राजकीय पालिटेक्निक बछरावा का निर्माण, 277.24 लाख से राजकीय बालिका इण्टर काले हाजीपुर का निर्माण, 250.47 लाख से आश्रय योजना मुशीगंज निर्माण सहित अनेक अवस्थापना सुविधाए आमजनमानस के लिए लाभ हेतु प्रदान की गई है। कृषि में ऋण माफी योजना में 80800 किसान लाभान्वित हुए। पारदर्शी किसान सेवा योजनान्तर्गत लगभग 90 हजार किसान लाभान्वित, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से 341974 किसान लाभान्वित, प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना से 336745 किसान लाभान्वित 1757.781 कि0मी0 नहरों की सिल्ट सफाई का कार्य किया गया। स्वच्छत भारत ग्रामीण अन्तर्गत रूपये 436.7 करोड़ की धनराशि व्यय करते हुए 418817 व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण, नमांमि गंगे योजनान्तर्गत 8.84 करोड़ की धनराशि व्यय करते हुए गंगा के किनारे 29 ग्रामों में ओडीएफ आच्छादित सहित अन्य कार्य किये गये है। 7 दिवसीय गंगा मेला व विकास प्रदर्शनी का सफल आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण व शहरी के तहत 25268 आवासों को निर्माण व मुख्यमंत्री आवास योजनान्तर्गत सौकड़ों आवास निर्मित किये गये तथा कार्य प्रगति पर है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनान्तर्गत 203381 लाभार्थियों को गैस कनेक्शन, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के तहत 7034 करोड़ से 12 पाईप पेयजल योजना में दो पूर्ण तथा अन्य 10 का कार्य प्रगति पर है। कोविड-19 कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत जनपद में अबतक 2691 मरीज सक्रमित हुए जिसमें से एक्टिव केस 562 है तथा रिकवर्ड केस 2054 है। होमआइसोलेशन में 182 मरीज है। जनपद में कोरेाना संक्रमित मरीजों की दर बेहतर है साथ ही स्वास्थ्य प्रोटोकाल के अनुरूप होमआइसोलेशन व एल-1 तथा एल-2 मरीजों पर विशेष ध्यान देते हुए देखभाल सहित बेहतर इलाज किया जा रहा है। जिससें 77.33 प्रतिशत रिकवर्ड रेट दर है। इस मौके पर एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह, विधायक दल बहादुर कोरी सहित जनपद जिलाधिकारी वैभ्.ाव श्रीवास्तव, मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 वीरेन्द्र सिंह, एडी सूचना प्रमोद कुमार आदि प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे तथा विधायक राकेश कुमार सिंह, धीरेन्द्र बहादुर सिंह घरों से वीडियों काॅन्फ्रेंसिंग में प्रतिभाग किया गया। कृत्य:नायाब टाइम्स
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हैप्पी बर्थडे राधा विष्ट जी: *यौमे पैदाइश की पुरखुलूस मुबारकबाद राधा विष्ट साहेबा को जो "कोरोना वाररिर्स" महामारी के माहौल में जनता की सेवा में सदैव हैं* लखनऊ, *यौमे पैदाइश की पुरजोर मुबारकबाद* राधा बिष्ट डॉ० "फार्मेसिस्ट" प्रभारी राजकीय होम्योपैथी चिकित्सालय (सदर) कैनाल भवन परिसर कैण्ट रोड लखनऊ को हमारी रब से दुआ है कि वो सदैव इस जहांन में लम्बी आयु के साथ सपरिवार स्वस्थ रहे। जो कोरोना वाररिर्स महामारी के माहौल में जनता की सेवा में रहा करती हैं और कोविड-19 से बचाव की दवाओ के साथ साथ कुछ क्षेत्रीय जटिल रोगों की भी दवाओं को परेशान जनता को साथ साथ पर्वत सन्देश के मोहन चन्द्र जोशी "सम्पादक" जानकी पुरम लखनऊ (उ०प्र०) निवासी दवाए प्राप्त करते हुए उनके साथ मनोज कुमार हैं । राधा बिष्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि चिकित्सालय में आनेवाले मरीज़ो को सदैव उनकी समस्या का निराकरण कर उन्हें उचित परामर्श एवं अनुभव के आधार पर दवाए उपलब्ध चिकित्सालय में कराती हैं "हैप्पी बर्थडे राधा विष्ट" जी । कृत्य:नायाब टाइम्स
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प०राम प्रसाद बिस्मिल जी हज़रो नमन: *“सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है” : कब और कैसे लिखा राम प्रसाद बिस्मिल ने यह गीत!* राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ का नाम कौन नहीं जानता। बिस्मिल, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे, जिन्हें 30 वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फाँसी दे दी। वे मैनपुरी षडयंत्र व काकोरी-कांड जैसी कई घटनाओं मे शामिल थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे। भारत की आजादी की नींव रखने वाले राम प्रसाद जितने वीर, स्वतंत्रता सेनानी थे उतने ही भावुक कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे। बिस्मिल उनका उर्दू उपनाम था जिसका हिन्दी में अर्थ होता है ‘गहरी चोट खाया हुआ व्यक्ति’। बिस्मिल के अलावा वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे। *राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ की तरह अशफ़ाक उल्ला खाँ भी बहुत अच्छे शायर थे। एक रोज का वाकया है अशफ़ाक, आर्य समाज मन्दिर शाहजहाँपुर में बिस्मिल के पास किसी काम से गये। संयोग से उस समय अशफ़ाक जिगर मुरादाबादी की यह गजल गुनगुना रहे थे* “कौन जाने ये तमन्ना इश्क की मंजिल में है। जो तमन्ना दिल से निकली फिर जो देखा दिल में है।।” बिस्मिल यह शेर सुनकर मुस्करा दिये तो अशफ़ाक ने पूछ ही लिया- “क्यों राम भाई! मैंने मिसरा कुछ गलत कह दिया क्या?” इस पर बिस्मिल ने जबाब दिया- “नहीं मेरे कृष्ण कन्हैया! यह बात नहीं। मैं जिगर साहब की बहुत इज्जत करता हूँ मगर उन्होंने मिर्ज़ा गालिब की पुरानी जमीन पर घिसा पिटा शेर कहकर कौन-सा बड़ा तीर मार लिया। कोई नयी रंगत देते तो मैं भी इरशाद कहता।” अशफ़ाक को बिस्मिल की यह बात जँची नहीं; उन्होंने चुनौती भरे लहजे में कहा- “तो राम भाई! अब आप ही इसमें गिरह लगाइये, मैं मान जाऊँगा आपकी सोच जिगर और मिर्ज़ा गालिब से भी परले दर्जे की है।” *उसी वक्त पंडित राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ ने यह शेर कहा* “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। देखना है जोर कितना बाजु-कातिल में है?” यह सुनते ही अशफ़ाक उछल पड़े और बिस्मिल को गले लगा के बोले- “राम भाई! मान गये; आप तो उस्तादों के भी उस्ताद हैं।” आगे जाकर बिस्मिल की यह गज़ल सभी क्रान्तिकारी जेल से पुलिस की गाड़ी में अदालत जाते हुए, अदालत में मजिस्ट्रेट को चिढ़ाते हुए और अदालत से लौटकर वापस जेल आते हुए एक साथ गाया करते थे। बिस्मिल की शहादत के बाद उनका यह गीत क्रान्तिकारियों के लिए मंत्र बन गया था। न जाने कितने क्रांतिकारी इसे गाते हुए हँसते-हँसते फांसी पर चढ़ गए थे। पढ़िए राम प्रसाद बिस्मिल द्वारा लिखा गया देशभक्ति से ओतप्रोत यह गीत – सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आस्माँ! हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है? एक से करता नहीं क्यों दूसरा कुछ बातचीत, देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है। रहबरे-राहे-मुहब्बत! रह न जाना राह में, लज्जते-सेहरा-नवर्दी दूरि-ए-मंजिल में है। अब न अगले वल्वले हैं और न अरमानों की भीड़, एक मिट जाने की हसरत अब दिले-‘बिस्मिल’ में है । ए शहीद-ए-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार, अब तेरी हिम्मत का चर्चा गैर की महफ़िल में है। खींच कर लायी है सब को कत्ल होने की उम्मीद, आशिकों का आज जमघट कूच-ए-कातिल में है। सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? है लिये हथियार दुश्मन ताक में बैठा उधर, और हम तैयार हैं सीना लिये अपना इधर। खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है, सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। हाथ जिनमें हो जुनूँ , कटते नही तलवार से, सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से, और भड़केगा जो शोला-सा हमारे दिल में है , सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। हम तो निकले ही थे घर से बाँधकर सर पे कफ़न, जाँ हथेली पर लिये लो बढ चले हैं ये कदम। जिन्दगी तो अपनी महमाँ मौत की महफ़िल में है, सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। यूँ खड़ा मकतल में कातिल कह रहा है बार-बार, “क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है?” सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? दिल में तूफ़ानों की टोली और नसों में इन्कलाब, होश दुश्मन के उड़ा देंगे हमें रोको न आज। दूर रह पाये जो हमसे दम कहाँ मंज़िल में है! सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। जिस्म वो क्या जिस्म है जिसमें न हो खूने-जुनूँ, क्या वो तूफाँ से लड़े जो कश्ती-ए-साहिल में है। सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है। पं० राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ उनके इस लोकप्रिय गीत के अलावा ग्यारह वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में बिस्मिल ने कई पुस्तकें भी लिखीं। जिनमें से ग्यारह पुस्तकें ही उनके जीवन काल में प्रकाशित हो सकीं। ब्रिटिश राज में उन सभी पुस्तकों को ज़ब्त कर लिया गया था। पर स्वतंत्र भारत में काफी खोज-बीन के पश्चात् उनकी लिखी हुई प्रामाणिक पुस्तकें इस समय पुस्तकालयों में उपलब्ध हैं। 16 दिसम्बर 1927 को बिस्मिल ने अपनी आत्मकथा का आखिरी अध्याय (अन्तिम समय की बातें) पूर्ण करके जेल से बाहर भिजवा दिया। 18 दिसम्बर 1927 को माता-पिता से अन्तिम मुलाकात की और सोमवार 19 दिसम्बर 1927 को सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर गोरखपुर की जिला जेल में उन्हें फाँसी दे दी गयी। राम प्रसाद बिस्मिल और उनके जैसे लाखो क्रांतिकारियों के बलिदान का देश सद्येव ऋणी रहेगा! जय हिन्द !
• नायाब अली
स्पोर्ट्समैन जाफ़र के सम्मान में क्रिकेट मैच: *जाफ़र मेहदी वरिष्ठ केन्द्र प्रभारी कैसरबाग डिपो कल 30 नवम्बर 2020 सोमवार को सेवानिवृत्त हो जाएगे उनके सम्मान में क्रिकेट मैच परिवहन निगम ने आयोजित किया* लखनऊ, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के स्पोर्ट्समैन जाफ़र मेहंदी जो 30 नवम्बर 2020 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे को "मुख्य महाप्रबंधक प्रशासन" सन्तोष कुमार दूबे "वरि०पी०सी०एस०" द्वारा उनके सम्मान में क्रिकेट मैच आयोजित कर उनका सम्मान किया जायेगा , जिसमें एहम किरदार पी०आर०बेलवारिया "मुख्य महाप्रबंधक "संचालन" व पल्लव बोस क्षेत्रीय प्रबन्धक-लखनऊ एवं प्रशांत दीक्षित "प्रभारी स०क्षे०प्रबन्धक" हैं जो * अवध बस स्टेशन कमता लखनऊ* के पद पर तैनात हैं , इस समय *कैसरबाग डिपो* के भी "प्रभारी स०क्षे०प्र०" हैं। कैसरबाग डिपो के वरिष्ठ केन्द्र प्रभारी जाफ़र मेहदी साहब दिनाँक,30 नवम्बर 2020 को कल सेवानिवृत्त हो जायेगे। जाफ़र मेहदी साहब की भर्ती स्पोर्ट्स कोटा के तहत 1987 में परिवहन निगम में हुई थी। जो पछले तीन सालो से दो धारी तलवार के चपेट कि मार झेल रहे थे अब आज़ादी उनके हाथ लगी मेंहदी साहब नायाब ही नहीं तारीफे काबिल हैं उनकी जितनी भी बड़ाई की जाय कम हैl कृत्य:नायाब टाइम्स
• नायाब अली
*--1918 में पहली बार इस्तेमाल हुआ ''हिन्दू'' शब्द !--* *तुलसीदास(1511ई०-1623ई०)(सम्वत 1568वि०-1680वि०)ने रामचरित मानस मुगलकाल में लिखी,पर मुगलों की बुराई में एक भी चौपाई नहीं लिखी क्यों ?* *क्या उस समय हिन्दू मुसलमान का मामला नहीं था ?* *हाँ,उस समय हिंदू मुसलमान का मामला नहीं था क्योंकि उस समय हिन्दू नाम का कोई धर्म ही नहीं था।* *तो फिर उस समय कौनसा धर्म था ?* *उस समय ब्राह्मण धर्म था और ब्राह्मण मुगलों के साथ मिलजुल कर रहते थे,यहाँ तक कि आपस में रिश्तेदार बनकर भारत पर राज कर रहे थे,उस समय वर्ण व्यवस्था थी।तब कोई हिन्दू के नाम से नहीं जाति के नाम से पहचाना जाता था।वर्ण व्यवस्था में ब्राह्मण,क्षत्रिय,वैश्य से नीचे शूद्र था सभी अधिकार से वंचित,जिसका कार्य सिर्फ सेवा करना था,मतलब सीधे शब्दों में गुलाम था।* *तो फिर हिन्दू नाम का धर्म कब से आया ?* *ब्राह्मण धर्म का नया नाम हिन्दू तब आया जब वयस्क मताधिकार का मामला आया,जब इंग्लैंड में वयस्क मताधिकार का कानून लागू हुआ और इसको भारत में भी लागू करने की बात हुई।* *इसी पर ब्राह्मण तिलक बोला था,"क्या ये तेली, तम्बोली,कुणभठ संसद में जाकर हल चलायेंगे,तेल बेचेंगे ? इसलिए स्वराज इनका नहीं मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है यानि ब्राह्मणों का। हिन्दू शब्द का प्रयोग पहली बार 1918 में इस्तेमाल किया गया।* *तो ब्राह्मण धर्म खतरे में क्यों पड़ा ?* *क्योंकि भारत में उस समय अँग्रेजों का राज था,वहाँ वयस्क मताधिकार लागू हुआ तो फिर भारत में तो होना ही था।* *ब्राह्मण की संख्या 3.5% हैं,अल्पसंख्यक हैं तो राज कैसे करेंगे ?* *ब्राह्मण धर्म के सारे ग्रंथ शूद्रों के विरोध में,मतलब हक-अधिकार छीनने के लिए,शूद्रों की मानसिकता बदलने के लिए षड़यंत्र का रूप दिया गया।* *आज का OBC ही ब्राह्मण धर्म का शूद्र है। SC (अनुसूचित जाति) के लोगों को तो अछूत घोषित करके वर्ण व्यवस्था से बाहर रखा गया था।* *ST (अनुसूचित जनजाति) के लोग तो जंगलों में थे उनसे ब्राह्मण धर्म को क्या खतरा ? ST को तो विदेशी आर्यों ने सिंधु घाटी सभ्यता संघर्ष के समय से ही जंगलों में जाकर रहने पर मजबूर किया उनको वनवासी कह दिया।* *ब्राह्मणों ने षड़यंत्र से हिन्दू शब्द का इस्तेमाल किया जिससे सबको को समानता का अहसास हो लेकिन ब्राह्मणों ने समाज में व्यवस्था ब्राह्मण धर्म की ही रखी।जिसमें जातियाँ हैं,ये जातियाँ ही ब्राह्मण धर्म का प्राण तत्व हैं, इनके बिना ब्राह्मण का वर्चस्व खत्म हो जायेगा।* *इसलिए तुलसीदास ने मुसलमानों के विरोध में नहीं शूद्रों के विरोध में शूद्रों को गुलाम बनाए रखने के लिए लिखा !* *"ढोल गंवार शूद्र पशु नारी।ये सब ताड़न के अधिकारी।।"* *अब जब मुगल चले गये,देश में OBC-SC के लोग ब्राह्मण धर्म के विरोध में ब्राह्मण धर्म के अन्याय अत्याचार से दुखी होकर इस्लाम अपना लिया था* *तो अब ब्राह्मण अगर मुसलमानों के विरोध में जाकर षड्यंत्र नहीं करेगा तो OBC,ST,SC के लोगों को प्रतिक्रिया से हिन्दू बनाकर,बहुसंख्यक लोगों का हिन्दू के नाम पर ध्रुवीकरण करके अल्पसंख्यक ब्राह्मण बहुसंख्यक बनकर राज कैसे करेगा ?* *52% OBC का भारत पर शासन होना चाहिये था क्योंकि OBC यहाँ पर अधिक तादात में है लेकिन यहीं वर्ग ब्राह्मण का सबसे बड़ा गुलाम भी है। यहीं इस धर्म का सुरक्षाबल बना हुआ है,यदि गलती से भी किसी ने ब्राह्मणवाद के खिलाफ आवाज़ उठाई तो यहीं OBC ब्राह्मणवाद को बचाने आ जाता है और वह आवाज़ हमेशा के लिये खामोश कर दी जाती है।* *यदि भारत में ब्राह्मण शासन व ब्राह्मण राज़ कायम है तो उसका जिम्मेदार केवल और केवल OBC है क्योंकि बिना OBC सपोर्ट के ब्राह्मण यहाँ कुछ नही कर सकता।* *OBC को यह मालूम ही नही कि उसका किस तरह ब्राह्मण उपयोग कर रहा है, साथ ही साथ ST-SC व अल्पसंख्यक लोगों में मूल इतिहास के प्रति अज्ञानता व उनके अन्दर समाया पाखण्ड अंधविश्वास भी कम जिम्मेदार नही है।* *ब्राह्मणों ने आज हिन्दू मुसलमान समस्या देश में इसलिये खड़ी की है कि तथाकथित हिन्दू (OBC,ST,SC) अपने ही धर्म परिवर्तित भाई मुसलमान,ईसाई से लड़ें,मरें क्योंकि दोनों ओर कोई भी मरे फायदा ब्राह्मणों को ही हैं।* *क्या कभी आपने सुना है कि किसी दंगे में कोई ब्राह्मण मरा हो ? जहर घोलनें वाले कभी जहर नहीं पीते हैं।*
• नायाब अली
Khud की पहिचान : *नायाब अली लखनवी की कलम से वयां की खुद की जुबानी✍🏼✍🏼* *लखनऊ* म्रत्यु लोक पर जब मैं आया तो इतना छोटा होऊंगा मालूम न था की मेरे भी माँ बाप होंगे कि वो मुझे पौत्र असद अली,अशर अली,गौहर अली,आरिज़ अली एवं पुत्र शबाब अली, शादाब अली, नौशाद अली व पत्नी संजीदा बेगम जैसी शख्सियतों का सामना अपनी ड्यूटी के साथ इस संसार की भी सेवा कर वापस सब छोड़कर जाना ही होगा,दोस्तो वो भी खाली हाथ। *नायाब टाइम्स*
• नायाब अली
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