निर्देश डॉ०नन्दा "मु०चिकित्सा अधीक्षक" का: *चिकित्सालय व्यवस्था पर तीब्र दृष्टि हमेशा डॉ०एस०के०नन्दा 'मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की है* लखनऊ,डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल हॉस्पिटल लखनऊ के डॉ० एस० के०नन्दा "मुख्य चिकित्सा अधीक्षक" चिकित्सालय व्यवस्था पर तीब्र दृष्टि हमेशा रखते हैं और उन्ही के दिशा निर्देशों पर सिविल हॉस्पिटल लखनऊ के चिकित्सक व स्टाफ़ कर्मचारियों की टीम कार्य कर मरीजों की सेवा किया करते हैं। आज वरिष्ठम पत्रकार नायाब अली लखनवी अपने बेटे शबाब अली के साथ हॉस्पिटल पहुँच कर तेजतर्रार कर्मठ साधुवाद वरिष्ठ फार्मेसिस्ट अजय कश्यप से मिले और हमेशा की तरह कश्यप जी ने डॉ०राजेश श्रीवास्तव की लिखित दबाए मुहैय्या कराई। कृत्य:नायाब टाइम्स


Popular posts
यौमे पैदाइश की मुबारकबाद आरिज़: *"यौमे पैदाइश"1,अक्टूबर 2020 के मौके पर आरिज़ अली को तहेदिल से मुबारकबाद* रायबरेली,आज हमारे पौत्र आरिज़ अली पुत्र नौशाद अली के योमे पैदाइश का दिन 1अक्टूबर 2020 है । जिसकी खुशी में उसे तहेदिल से *मुबारकबाद* "हैप्पी बर्थडे" आरिज़ अली । दोस्तो आप सब गुजरीस है के आप उसको अपनी दुवाओ से भी नवाज़े। *हैप्पी बर्थडे* आरिज़ अली....!🎂💐 नायाब अली लखनवी सम्पादक "नायाब टाइम्स" *अस्लामु अलैकुम/शुभप्रभात* हैप्पी गुरुवार
Image
गुरुनानक देव जयन्ती बधाई: मृत्यु लोक के सभी जीव जंतु पशु पक्षी प्राणियों को स्वस्थ शरीर एवं लम्बी उम्र दे खुदा आज के दिन की *💐🌹*गुरु नानक जयन्ती पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं/लख लख मुबारक।*💐🌹 * हो.. रब से ये दुआ है कि आपके परिवार में खुशियां ही खुशियाँ हो आमीन..! अपने अंदाज में मस्ती से रहा करता हूँ वो साथ हमारे हैं जो कुछ दूर चला करते हैं । हम आज है संजीदा बेग़म साहेबा के साथ.....! *अस्लामु अलैकुम/शुभप्रभात* हैप्पी सोमवार
Image
मुत्यु लोक का सच:*आचार्य रजनीश* (१) जब मेरी मृत्यु होगी तो आप मेरे रिश्तेदारों से मिलने आएंगे और मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो अभी आ जाओ ना मुझ से मिलने। (२) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरे सारे गुनाह माफ कर देंगे, जिसका मुझे पता भी नहीं चलेगा, तो आज ही माफ कर दो ना। (३) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आप मेरी कद्र करेंगे और मेरे बारे में अच्छी बातें कहेंगे, जिसे मैं नहीं सुन सकूँगा, तो अभी कहे दो ना। (४) जब मेरी मृत्यु होगी, तो आपको लगेगा कि इस इन्सान के साथ और वक़्त बिताया होता तो अच्छा होता, तो आज ही आओ ना। इसीलिए कहता हूं कि इन्तजार मत करो, इन्तजार करने में कभी कभी बहुत देर हो जाती है। इस लिये मिलते रहो, माफ कर दो, या माफी माँग लो। *मन "ख्वाईशों" मे अटका रहा* *और* *जिन्दगी हमें "जी "कर चली गई.*
Image